12-18 अक्टूबर
निर्गमन 33-34
गीत 115 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यहोवा के मनभावने गुण”: (10 मि.)
निर्ग 34:5—परमेश्वर का नाम जानने का मतलब है, उसके मकसद, कामों और खूबियों को जानना (प्र13 3/15 पेज 24 पै 3)
निर्ग 34:6—यहोवा के गुणों को जानने से उसके साथ हमारा रिश्ता और गहरा होता है (प्र09 10/1 पेज 28 पै 3-5)
निर्ग 34:7—यहोवा सच्चे दिल से पश्चाताप करनेवालों को माफ करता है (प्र09 10/1 पेज 28 पै 6)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
निर्ग 33:11, 20—परमेश्वर ने मूसा से “आमने-सामने” कैसे बात की? (प्र04 3/15 पेज 27 पै 5)
निर्ग 34:23, 24—जब इसराएली आदमी साल में तीन बार त्योहार मनाने जाते थे, तो उन्हें यहोवा पर विश्वास क्यों रखना था? (प्र98 9/1 पेज 20 पै 5)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) निर्ग 33:1-16 (जी-जान गुण 10)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
वापसी भेंट का वीडियो: (5 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए: प्रीति ने किस तरह आयत से मिलनेवाली सीख बतायी? उसने ऐसा क्या कहा जिससे वह औरत सोचने पर मजबूर हो गयी?
वापसी भेंट: (3 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। बातचीत में आनेवाली एक आम रुकावट पार कीजिए। (जी-जान गुण 16)
वापसी भेंट: (5 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर सिखाती है किताब के बारे में बताइए और अध्याय 2 से बाइबल अध्ययन शुरू कीजिए। (जी-जान गुण 8)
जीएँ मसीहियों की तरह
“नौजवानो, क्या यहोवा आपका सबसे अच्छा दोस्त है?”: (15 मि.) चर्चा। जवानो—“परखकर देखो कि यहोवा कितना भला है” वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि. या कम) परिवार खुश रह सकता है भाग 5
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि. या कम)
गीत 113 और प्रार्थना