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जीएँ मसीहियों की तरह

उन लोगों के साथ वक्‍त बिताइए जो यहोवा से प्यार करते हैं

उन लोगों के साथ वक्‍त बिताइए जो यहोवा से प्यार करते हैं

हमें क्यों उन लोगों के साथ वक्‍त बिताना चाहिए जो यहोवा से प्यार करते हैं? क्योंकि हम जिनसे संगति करते हैं, उनका हम पर या तो अच्छा असर हो सकता है या बुरा। (नीत 13:20) राजा यहोआश के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। जब तक उसने महायाजक यहोयादा से मेल-जोल रखा, तब तक उसने वही किया जो “यहोवा की नज़र में सही” था। (2इत 24:2) मगर यहोयादा की मौत के बाद यहोआश ने बुरी संगति की वजह से यहोवा को छोड़ दिया।​—2इत 24:17-19.

पहली सदी में प्रेषित पौलुस ने कहा कि मसीही मंडली एक “बड़े घर” जैसी है और मंडली के लोग “बरतनों” यानी घर में इस्तेमाल होनेवाली चीज़ों जैसे हैं। हमें ऐसे बरतनों की तरह होना चाहिए जो “आदर के इस्तेमाल के लिए” होते हैं। (2ती 2:20, 21) इसके लिए ज़रूरी है कि हम ऐसे किसी भी इंसान से ज़्यादा मेल-जोल न रखें जो यहोवा की मरज़ी के खिलाफ काम करता है, फिर चाहे वह हमारे परिवार का सदस्य हो या मंडली का। तो आइए हम सिर्फ ऐसे लोगों से दोस्ती करते रहें जो यहोवा से प्यार करते हैं और हमें उसकी सेवा करने का बढ़ावा देते हैं।

बुरी संगति को ठुकराना सीखिए  वीडियो देखिए। फिर इन सवालों के जवाब दीजिए:

  • हम कैसे अनजाने में बुरे लोगों से मेल-जोल रखने की गलती कर सकते हैं?

  • वीडियो में वे तीनों मसीही बुरे लोगों से दोस्ती कैसे तोड़ पाए?

  • बाइबल के किन सिद्धांतों को मानने से आप सही लोगों से दोस्ती कर पाएँगे?

क्या मैं ऐसे बरतन जैसा हूँ जो “आदर के इस्तेमाल” के लिए होता है?​—2ती 2:21