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4-10 अप्रैल

अय्यूब 16-20

4-10 अप्रैल
  • गीत 50 और प्रार्थना

  • आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

  • अपनी बातों से एक-दूसरे की हिम्मत बँधाइए”: (10 मि.)

    • अय 16:4, 5—ऐसी सलाह दीजिए, जिससे दूसरों की हिम्मत बढ़े (प्र 00 6/15 पेज 22 पै. 18; प्र 90 3/15 पेज 27 पै. 1-2, अँग्रेज़ी; प्र 95 4/1 पेज 18-19 पै. 12)

    • अय 19:2—बिलदद की कड़वी बातों से अय्यूब ने परेशान होकर अपना दुख बयान किया (प्र 06 3/15 पेज 15 पै. 5; प्र 94 10/1 पेज 32, अँग्रेज़ी; प्र 07 6/1 पेज 32)

    • अय 19:25—जब अय्यूब पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा, तो अय्यूब ने हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि उसे विश्वास था कि वह दोबारा जी उठेगा (प्र 06 3/15 पेज 15 पै. 4; इंसाइट-2 पेज 735 पै. 2-3; प्र 90 7/1 पेज 5)

  • ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)

    • अय 19:20—अय्यूब के इन शब्दों का क्या मतलब था, “मैं बाल-बाल [“अपनी दाँतों की खाल से,” एन. डब्ल्यू.] बच गया हूँ”? (प्र 06 3/15 पेज 14 पै. 12; इंसाइट-2 पेज 977 पै. 1)

    • अय 19:26—यहोवा को कोई नहीं देख सकता, तो अय्यूब “ईश्वर का दर्शन” कैसे कर सकता था? (प्र 94 11/1 पेज 26 पै. 17)

    • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?

    • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्‍त ध्यान में रख सकता हूँ?

  • पढ़ने के लिए आयतें: अय 19:1-23 (4 मि. या उससे कम)

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

  • इस महीने प्रकाशन देने की तैयारी कीजिए: (15 मि.) चर्चा। प्रकाशन देने के वीडियो दिखाइए। फिर वीडियो में बतायी गयीं कुछ खास बातों पर चर्चा कीजिए। प्रचारकों से कहिए कि वे प्रकाशन देने के दूसरे तरीके के बारे में सोचें और उसे लिख लें।

जीएँ मसीहियों की तरह