प्रकाशन कैसे दें
क्या दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? (T-34 पेज 1)
सवाल कीजिए: [आपके इलाके में हुई किसी ऐसी घटना का ज़िक्र कीजिए जिससे लोग बहुत दुखी हैं। फिर परचे का शीर्षक दिखाकर पूछिए] क्या दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? आप क्या कहेंगे? हाँ, नहीं, या शायद?
आयत पढ़िए: भज 37:9-11
कहिए: इस परचे में बताया गया है कि हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि दुख-तकलीफें ज़रूर खत्म होंगी।
सच्चाई सिखाइए
सच्चाई: परमेश्वर का राज धरती पर शांति, एकता और सुरक्षा लाएगा, ठीक जैसे वह स्वर्ग में कर चुका है।
क्या दुख-तकलीफें कभी खत्म होंगी? (T-34 पेज 4)
सवाल कीजिए: आज हमारे चारों तरफ बहुत बुरे काम हो रहे हैं और सबसे ज़्यादा मासूम लोगों को दुख उठाना पड़ता है। आपको क्या लगता है, परमेश्वर ने ऐसी तकलीफें क्यों रहने दी हैं?
आयत पढ़िए: 2पत 3:9
कहिए: इस परचे में दो कारण बताए गए हैं कि क्यों दुख-तकलीफें बहुत जल्द खत्म होंगी।
आप इन्हें कैसे देंगे
प्रकाशन देने के जो तरीके ऊपर बताए गए हैं, उनको ध्यान में रखकर सोचिए कि आप अपने तरीके से प्रकाशन कैसे देंगे।