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16-22 अप्रैल

मरकुस 1-2

16-22 अप्रैल
  • गीत 35 और प्रार्थना

  • आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

  • तेरे पाप माफ किए गए”: (10 मि.)

    • [मरकुस की किताब पर एक नज़र नाम का वीडियो दिखाइए।]

    • मर 2:3-5​—यीशु ने लकवे के मारे एक आदमी पर करुणा की और उसके पाप माफ किए (जीज़स द वे पेज 67 पै 3-5)

    • मर 2:6-12​—यीशु ने उसे ठीक करके साबित किया कि उसके पास लोगों के पाप माफ करने का अधिकार है (“क्या कहना ज़्यादा आसान हैअ.बाइ. मर 2:9 अध्ययन नोट)

  • ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)

    • मर 1:11​—यहोवा ने यीशु से जो कहा, उसका मतलब क्या है? (“स्वर्ग से आवाज़ सुनायी दी,” “तू मेरा . . . बेटा है,” “मैंने तुझे मंज़ूर किया हैअ.बाइ. मर 1:11 अध्ययन नोट)

    • मर 2:27, 28​—यीशु ने क्यों कहा कि वह ‘सब्त के दिन का प्रभु है’? (“सब्त के दिन का . . . प्रभुअ.बाइ. मर 2:28 अध्ययन नोट)

    • इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?

    • इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?

  • पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मर 1:1-15

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

  • पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। व्यक्‍ति सुनना नहीं चाहता इसलिए ऐसी बात कहता है, जो अकसर आपके यहाँ लोग कहते हैं। यह रुकावट पार कीजिए।

  • दूसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।

  • तीसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।

जीएँ मसीहियों की तरह