30 अप्रैल–6 मई
मरकुस 5-6
गीत 12 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“हमारे अपने जो नहीं रहे, उन्हें यीशु ज़िंदा कर सकता है”: (10 मि.)
मर 5:38—जब किसी अपने की मौत होती है, तो हमें बहुत दुख होता है
मर 5:39-41—जो लोग मौत की नींद “सो” रहे हैं, उन्हें यीशु ज़िंदा कर सकता है (“मरी नहीं बल्कि सो रही है” अ.बाइ. मर 5:39 अध्ययन नोट)
मर 5:42—जब हमारे अज़ीज़ों को ज़िंदा किया जाएगा, तो हम “खुशी” से फूले नहीं समाएँगे (जीज़स द वे पेज 118 पै 6)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मर 5:19, 20—यीशु ने इस आदमी से क्यों कहा कि वह उसके बारे में दूसरों को बताए, जबकि वह अकसर ऐसा करने से मना करता था? (“रिश्तेदारों को बता” अ.बाइ. मर 5:19 अध्ययन नोट)
मर 6:11—‘अपने पैरों की धूल झाड़ देने’ का मतलब क्या है? (“अपने पैरों की धूल झाड़ देना” अ.बाइ. मर 6:11 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मर 6:1-13
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
तीसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। jw.org वेबसाइट दिखाइए।
चौथी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) कोई आयत चुनिए और आखिर में एक सवाल कीजिए, ताकि आप अगली बार बात कर सकें।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) सिखाती है पेज 36 पै 23-24—इस तरह सिखाइए कि आपकी बात विद्यार्थी के दिल को छू जाए।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 24
“प्रकाशनों के पिटारे का कुशलता से इस्तेमाल कीजिए”: (5 मि.) चर्चा।
हमने यहोवा के संगठन में दिलासा पाया: (10 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर सवाल कीजिए: भाई और बहन पैरा ने जीवन में क्या-क्या दुख झेले हैं? वे यह सब कैसे सह पाए हैं? मुश्किलें आने पर भी हमें परमेश्वर की सेवा क्यों करते रहना चाहिए?
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 6 पै 15-23, “दो बेहतरीन प्रार्थनाएँ” नाम का बक्स और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 6 और प्रार्थना