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20-26 अप्रैल

उत्पत्ति 32-33

20-26 अप्रैल
  • गीत 21 और प्रार्थना

  • सभा की एक झलक (1 मि.)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

  • आशीष पाने के लिए क्या आप संघर्ष कर रहे हैं?: (10 मि.)

    • उत 32:24—याकूब ने एक स्वर्गदूत से कुश्‍ती लड़ी (प्र03 8/15 पेज 25 पै 3)

    • उत 32:25, 26—याकूब ने उस स्वर्गदूत को तब तक नहीं छोड़ा, जब तक उसने याकूब को आशीर्वाद नहीं दिया (इंसाइट-2 पेज 190)

    • उत 32:27, 28—याकूब ने हार नहीं मानी इसलिए उसे परमेश्‍वर से आशीष मिली (इंसाइट-1 पेज 1228)

  • ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)

    • उत 32:11, 13-15—याकूब ने एसाव से सुलह करने में कड़ी मेहनत की। हम उसके जैसे कैसे बन सकते हैं? (प्र10 6/15 पेज 22 पै 10-11)

    • उत 33:20—याकूब ने वेदी का नाम ‘परमेश्‍वर, इसराएल का परमेश्‍वर है’ क्यों रखा? (इंसाइट-1 पेज 980)

    • इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?

  • पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) उत 32:1-21 (जी-जान  गुण 5)

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

  • दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए: अलीसा ने कैसे सही और भरोसेमंद जानकारी दी? गवाही देने में अलीसा और मोना ने किस तरह एक-दूसरे को सहयोग दिया?

  • दूसरी मुलाकात: (3 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव आज़माइए। (जी-जान  गुण 12)

  • दूसरी मुलाकात: (5 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर बाइबल का अध्ययन कैसे होता है?  वीडियो के बारे में बताइए और चर्चा कीजिए (मगर उसे चलाइए मत)। (जी-जान  गुण 16)

जीएँ मसीहियों की तरह