आशीष पाने के लिए क्या आप संघर्ष कर रहे हैं?
यहोवा से आशीष पाने के लिए हमें कड़ा संघर्ष करना होगा। हमें उसकी सेवा को ज़िंदगी में पहली जगह देनी होगी। (1कुर 9:26, 27) इस मामले में याकूब अच्छी मिसाल है। हालाँकि उसकी काफी उम्र हो गयी थी फिर भी आशीष पाने के लिए उसने एक स्वर्गदूत से संघर्ष किया। अपनी मसीही ज़िम्मेदारियाँ पूरी करने के लिए हममें भी ऐसा ही जज़्बा होना चाहिए। यह कैसे पता चलता है कि यहोवा से आशीष पाने के लिए हम कड़ा संघर्ष कर रहे हैं?
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जब हम सभाओं की अच्छी तैयारी करते हैं
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जब हम नियमित तौर पर प्रचार करते हैं
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जब हम भाई-बहनों की मदद करते हैं
चाहे हालात कितने ही मुश्किल क्यों न हों, यहोवा से प्रार्थना करते रहिए और बिनती कीजिए कि वह आपकी मेहनत पर आशीष दे।
खुद से पूछिए, ‘यहोवा से आशीष पाने के लिए मुझे ज़िंदगी के किन पहलुओं में और भी मेहनत करनी होगी?’