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जीएँ मसीहियों की तरह

परमेश्‍वर के वचन पर अपना विश्‍वास बढ़ाइए

परमेश्‍वर के वचन पर अपना विश्‍वास बढ़ाइए

बाइबल में बढ़िया सलाह और हिदायतें दी गयी हैं। इन्हें मानने से हमारी ज़िंदगी बदल सकती है। (इब्र 4:12) लेकिन यह तभी हो सकता है, जब हमें पूरा विश्‍वास होगा कि यह सचमुच “परमेश्‍वर का वचन” है। (1थि 2:13) हम बाइबल पर अपना विश्‍वास कैसे बढ़ा सकते हैं?

हर दिन बाइबल का कुछ हिस्सा पढ़िए। इसे पढ़ते वक्‍त ऐसी बातों पर ध्यान दीजिए, जिनसे यह साबित होता है कि इसका लेखक यहोवा ही है। उदाहरण के लिए, नीतिवचन की किताब में दी सलाह पर गौर कीजिए। ध्यान दीजिए कि यह सलाह आज भी कितने काम की है।​—नीत 13:20; 14:30.

किसी विषय पर गहराई से अध्ययन कीजिए। ऐसे सबूतों की अच्छी तरह जाँच कीजिए, जिनसे साबित होता है कि बाइबल परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी गयी है। यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड  में विषय “बाइबल” के नीचे “परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी गयी” भाग में दिए लेख पढ़िए। इसके अलावा, आप नयी दुनिया अनुवाद  बाइबल में अतिरिक्‍त लेख क3 में दी जानकारी का भी अध्ययन कर सकते हैं। इससे आपका यह यकीन बढ़ेगा कि आज भी बाइबल में वही संदेश पाया जाता है, जो शुरू में परमेश्‍वर ने लिखवाया था।

हमें क्यों विश्‍वास है . . . परमेश्‍वर के वचन पर  वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों के जवाब दीजिए:

  • मिस्र के करनाक में एक मंदिर की दीवार पर जो नक्काशियाँ मिलीं, उनकी जाँच करने पर कैसे यह साबित हुआ कि परमेश्‍वर का वचन सच्चा है?

  • हम कैसे जानते हैं कि बाइबल का संदेश बदला नहीं है?

  • बाइबल आज भी मौजूद है, इससे आपको क्यों यकीन होता है कि यह परमेश्‍वर का वचन है?—यशायाह 40:8 पढ़िए