1-7 जनवरी
अय्यूब 32-33
गीत 102 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. चिंताओं में डूबे भाई-बहनों को दिलासा दीजिए
(10 मि.)
एक अच्छा दोस्त बनिए (अय 33:1; इंसाइट-1 पेज 710)
दूसरों के बारे में कोई गलत राय कायम मत कीजिए बल्कि उनके हालात समझने की कोशिश कीजिए (अय 33:6, 7; प्र14 6/15 पेज 25 पै 8-10)
एलीहू की तरह पहले दूसरों की ध्यान से सुनिए, फिर सोच-समझकर बोलिए (अय 33:8-12, 17; प्र20.03 पेज 23 पै 17-18; बाहर दी तसवीर देखें)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
अय 33:25—इस आयत से हम कैसे समझ पाते हैं कि जब हमारी उम्र ढलने लगती है तो हमें अपने रंग-रूप के बारे में ज़्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए? (प्र13 1/15 पेज 19 पै 10)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) अय 32:1-22 (जी-जान गुण 12)
4. लोगों के बारे में सोचिए—यीशु ने क्या किया?
(7 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए, फिर प्यार पाठ 1 मुद्दा 1-2 पर चर्चा कीजिए।
5. लोगों के बारे में सोचिए—यीशु की तरह हमें क्या करना है?
(8 मि.) प्यार पाठ 1 मुद्दा 3-5 और “ये भी देखें” पर चर्चा।
गीत 116
6. मंडली की ज़रूरतें
(15 मि.)
7. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 4 पेज 30 पर बक्स