22-28 जनवरी
अय्यूब 38-39
गीत 11 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. क्या आप सृष्टि निहारने के लिए वक्त निकालते हैं?
(10 मि.)
धरती बनाने के बाद यहोवा ने वक्त निकालकर अपने काम की जाँच की (उत 1:10, 12; अय 38:5, 6; प्र21.08 पेज 9-10 पै 7)
स्वर्गदूतों ने भी यहोवा की सृष्टि देखने के लिए वक्त निकाला (अय 38:7; प्र20.08 पेज 14 पै 2)
अगर हम वक्त निकालकर सृष्टि निहारें और उसकी कदर करें, तो हम यहोवा पर और भी भरोसा करने लगेंगे (अय 38:32-35; प्र23.03 पेज 17 पै 8)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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अय 38:8-10—यहोवा के बनाए नियमों से हम उसके बारे में क्या सीखते हैं? (इंसाइट-2 पेज 222)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) अय 39:1-22 (जी-जान गुण 5)
4. बातचीत शुरू करना
(2 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। जब आपको लगे कि सामनेवाला बात नहीं करना चाहता, तो प्यार से बातचीत खत्म कर दीजिए। (प्यार पाठ 2 मुद्दा 3)
5. वापसी भेंट करना
(5 मि.) घर-घर का प्रचार। सामनेवाले ने पिछली बार आपको बताया था कि हाल ही में उसके किसी अपने की मौत हो गयी थी। (प्यार पाठ 9 मुद्दा 3)
6. भाषण
(5 मि.) प्यार सुझाव क मुद्दा 1—दुनिया में जो कुछ हो रहा है, उससे पता चलता है कि बहुत जल्द हालात बदलनेवाले हैं। (जी-जान गुण 16)
गीत 111
7. सृष्टि देखकर हम खुद के बजाय यहोवा पर ध्यान दे पाते हैं
(15 मि.) चर्चा।
शैतान अय्यूब पर कई मुसीबतें लाया। अय्यूब के तीन दोस्तों ने भी उस पर कई झूठे इलज़ाम लगाए। ऐसे में उसे अपनी परेशानियों के सिवा और कुछ नज़र नहीं आया।
अय्यूब 37:14 पढ़िए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
खुद की परेशानियों के बजाय यहोवा पर ध्यान देने के लिए अय्यूब को क्या करने की ज़रूरत थी?
तकलीफें आने पर हम बहुत परेशान हो सकते हैं। ऐसे में अगर हम यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान दें, तो हम याद रख पाएँगे कि वह कितना महान है और उसके वफादार रहने का हमारा इरादा और भी पक्का हो जाएगा। और हमारा भरोसा भी बढ़ेगा कि वह हमारी देखभाल कर सकता है।—मत 6:26.
अय्यूब की किताब से हम क्या सीखते हैं—जानवरों को देखकर वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
यह वीडियो देखकर यहोवा पर आपका भरोसा कैसे बढ़ता है?
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 4 पै 13-20