26 फरवरी–3 मार्च
भजन 11-15
गीत 139 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. सोचिए कि आप ऐसी दुनिया में है जहाँ चारों तरफ शांति है
(10 मि.)
जब लोग नियम-कानून नहीं मानते तो इससे गड़बड़ी फैलती है और दंगे-फसाद होते हैं (भज 11:2, 3; प्र06 5/15 पेज 18 पै 3)
हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा धरती पर से हिंसा का नामो-निशान मिटा देगा (भज 11:5; जन16 अंक3 पेज 13)
यहोवा ने उद्धार दिलाने का जो वादा किया है, उस पर मनन करने से हम सब्र रख पाएँगे और नयी दुनिया का इंतज़ार करेंगे (भज 13:5, 6; प्र17.08 पेज 6-7 पै 15)
इसे आज़माइए: यहेजकेल 34:25 पढ़िए। फिर कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसी जगह में हैं जहाँ चारों तरफ अमन और चैन है, ठीक जैसे आयत में बताया गया है।—राज किताब पेज 236 पै 16.
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 14:1—इस आयत में जिस रवैए की बात की गयी है, उसका मसीहियों पर भी कैसा असर हो सकता है? (प्र13 9/15 पेज 19-20 पै 12)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 13:1–14:7 (जी-जान गुण 2)
4. बातचीत शुरू करना
(2 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। सामनेवाले को स्मारक के लिए बुलाइए। (प्यार पाठ 5 मुद्दा 3)
5. बातचीत शुरू करना
(1 मि.) घर-घर का प्रचार। सामनेवाले को स्मारक के लिए बुलाइए। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 4)
6. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) घर-घर का प्रचार। आप सामनेवाले को स्मारक का निमंत्रण पत्र देते हैं और वह उस बारे में और जानना चाहता है। (प्यार पाठ 7 मुद्दा 4)
7. बाइबल अध्ययन चलाना
(5 मि.) खुशी पाठ 13: अब तक हमने सीखा, आप क्या कहेंगे? और लक्ष्य। अपने विद्यार्थी को “ये भी देखें” भाग से कोई लेख दिखाकर समझने में मदद दीजिए कि परमेश्वर झूठे धर्मों के बारे में कैसा महसूस करता है। (जी-जान गुण 12)
गीत 8
8. “बुद्धि, युद्ध के हथियारों से अच्छी है”
(10 मि.) चर्चा।
आज पूरी दुनिया में हिंसा की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। और यहोवा जानता है कि जब हम हिंसा होते देखते हैं या जब खुद हमारे साथ कुछ ऐसा होता है, तो हम कितने डर जाते हैं, कितने परेशान हो जाते हैं। यहोवा यह भी समझता है कि हमें हिफाज़त की ज़रूरत है। इसलिए वह कई तरीकों से हमारी हिफाज़त करता है। एक तरीका है अपने वचन बाइबल के ज़रिए।—भज 12:5-7.
बाइबल में ऐसी बुद्धि की बातें दी गयी हैं, जो “युद्ध के हथियारों से अच्छी” हैं। (सभ 9:18) गौर कीजिए कि बाइबल के सिद्धांत मानने से कैसे हम हिंसा के शिकार होने से बच सकते हैं।
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सभ 4:9, 10—ऐसे इलाके में अकेले मत जाइए जहाँ खतरा हो। ऐसे हालात से भी दूर रहिए जिनसे आपको खतरा हो सकता है
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नीत 22:3—जब आप घर से बाहर निकलते हैं तो चौकन्ने रहिए। ध्यान रखिए कि आपके आस-पास क्या हो रहा है
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नीत 26:17—दूसरों के झगड़ों में मत पड़िए
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नीत 17:14—अगर ऐसा लगे कि किसी इलाके में दंगे होनेवाले हैं, तो फौरन वहाँ से निकल जाइए। और अगर कहीं आंदोलन करने के लिए भीड़ जमा होती है, तो वहाँ मत जाइए
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लूक 12:15—अपनी चीज़ें बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में मत डालिए
वफादार लोगों की तरह बनिए, बुरे लोगों की तरह नहीं—हनोक जैसे, लेमेक जैसे नहीं वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
हालाँकि वह परिवार ऐसी जगह में रहता है जहाँ हिंसा होती है, फिर भी पिता ने हनोक के उदाहरण पर मनन करके क्या फैसला लिया?—इब्र 11:5
9. शनिवार, 2 मार्च से स्मारक अभियान शुरू होगा
(5 मि.) एक प्राचीन का भाषण। बताइए कि यह अभियान चलाने के लिए और खास भाषण और स्मारक के लिए क्या इंतज़ाम किए गए हैं। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे चाहें तो मार्च और अप्रैल में 15 घंटे की सहयोगी पायनियर सेवा कर सकते हैं।
10. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 6 पै 9-17