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29 जनवरी–4 फरवरी

अय्यूब 40-42

29 जनवरी–4 फरवरी

गीत 124 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

1. अय्यूब ने जो सीखा, उससे हम भी सीख सकते हैं

(10 मि.)

याद रखिए कि हम उतना नहीं जानते जितना यहोवा जानता है (अय 42:1-3; प्र10 10/15 पेज 3-4 पै 4-6)

यहोवा और उसका संगठन जो सलाह देता है, उसे तुरंत मानिए (अय 42:5, 6; प्र17.06 पेज 25 पै 12)

यहोवा उन लोगों को इनाम देता है जो मुश्‍किलों के बावजूद उसके वफादार रहते हैं (अय 42:10-12; याकू 5:11; प्र22.06 पेज 25 पै 17-18)

यहोवा ने अय्यूब को उसकी वफादारी के लिए इनाम दिया

2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न

(10 मि.)

  • अय 42:7—अय्यूब के तीन दोस्त असल में किसके खिलाफ बात कर रहे थे? यह बात जानने से हम तब कैसे धीरज रख पाते हैं जब लोग हमें नीचा दिखाते हैं? (इंसाइट-2 पेज 808)

  • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिलें?

3. पढ़ने के लिए आयतें

बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर

4. बातचीत शुरू करना

(3 मि.) घर-घर का प्रचार। सामनेवाला बाइबल के बारे में नहीं जानता। (प्यार  पाठ 5 मुद्दा 3)

5. बाइबल अध्ययन चलाना

6. भाषण

(4 मि.) प्यार  सुझाव क मुद्दा 2—यह धरती कभी खत्म नहीं होगी, हमेशा तक रहेगी। (जी-जान  गुण 13)

जीएँ मसीहियों की तरह

गीत 108

7. दूसरों को यहोवा के प्यार का एहसास दिलाइए

(15 मि.) चर्चा।

हम बहुत खुश हैं कि हमारा परमेश्‍वर यहोवा एक प्यार करनेवाला परमेश्‍वर है। (1यूह 4:8, 16) उसका यही गुण हमें उसकी तरफ खींचता है। उसके प्यार की वजह से ही हम उसके दोस्त बने रहना चाहते हैं। जब हम उसकी सेवा करते हैं, तो हम महसूस कर पाते हैं कि वह हमसे कितना प्यार करता है।

हम पूरी कोशिश करते हैं कि हम अपने परिवारवालों से, भाई-बहनों से और दूसरे लोगों से यहोवा जैसा प्यार करें। (अय 6:14; 1यूह 4:11) इस तरह हम दूसरों को यहोवा को जानने और उसके करीब आने में मदद देते हैं। लेकिन अगर हम दूसरों से प्यार नहीं करेंगे, तो उन्हें यकीन करना मुश्‍किल लगेगा कि यहोवा उनसे प्यार करता है।

हमें यहोवा के परिवार में सच्चा प्यार मिला  वीडियो दिखाइए फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:

लयलय और मीमी के अनुभव से कैसे पता चलता है कि दूसरों से प्यार करना ज़रूरी है?

हम ऐसा क्या कर सकते हैं कि भाई-बहन यहोवा का प्यार महसूस कर पाएँ?

  • हमें याद रखना चाहिए कि वे यहोवा की अनमोल भेड़ें हैं।​—भज 100:3

  • हमें उनसे ऐसी बातें कहनी चाहिए जिनसे उनका हौसला बढ़े।​—इफ 4:29

  • हमें उनकी भावनाएँ समझनी चाहिए और उनके साथ अच्छे-से पेश आना चाहिए।​—मत 7:11, 12

8. मंडली का बाइबल अध्ययन

समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.) | गीत 126 और प्रार्थना