यहोवा अपने वादे पूरे करता है
यहोवा ने वादा किया था कि यरूशलेम के मंदिर में उसकी उपासना दोबारा शुरू की जाएगी। लेकिन जब यहूदी बैबिलोन की बँधुआई से वापस आए, तो उनके सामने कई रुकावटें थीं। इनमें से एक थी कि राजा ने मंदिर के निर्माण काम पर रोक लगाने का फरमान जारी किया था। तब कई लोगों को लगा कि मंदिर बनाने का काम कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
-
करीब ई.पू. 537
कुस्रू ने फरमान जारी किया कि मंदिर को दोबारा बनाया जाए
-
सातवाँ महीना
वेदी खड़ी की गयी; बलिदान चढ़ाए गए
-
ई.पू. 536
नींव डाली गयी
-
ई.पू. 522
राजा अर्तक्षत्र ने मंदिर बनाने के काम पर रोक लगा दी
-
ई.पू. 520
जकरयाह और हाग्गै ने लोगों को मंदिर का काम दोबारा शुरू करने का बढ़ावा दिया
-
ई.पू. 515
मंदिर बनकर तैयार हो गया