यहोवा चाहता है कि उसके सेवक खुशी-खुशी उसकी मरज़ी पूरी करें
एज्रा ने यरूशलेम लौटने की तैयारी की
एज्रा को यहोवा पर भरोसा था कि वह अपने सेवकों की हिफाज़त करेगा
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यरूशलेम लौटना आसान नहीं था
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उन्होंने जो रास्ता लिया, वह शायद करीब 1,600 कि.मी. का था और खतरे से खाली नहीं था
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इस सफर में करीब 4 महीने लगे
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यरूशलेम लौटनेवालों को मज़बूत विश्वास, उपासना के लिए जोश और हिम्मत की ज़रूरत थी
एज्रा अपने साथ ये ले गया . . .
सोना और चाँदी जिसका वजन 750 तोड़ों से भी ज़्यादा था, या करीब 3 बड़े अफ्रीकी हाथियों के वज़न के बराबर
यरूशलेम लौटनेवालों ने इन मुश्किलों का सामना किया . . .
लुटेरे, रेगिस्तान, जंगली जानवर