4-10 जनवरी
2 इतिहास 29-32
गीत 37 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यहोवा की उपासना में मेहनत लगती है”: (10 मि.)
2इत 29:10-17—हिजकियाह जोश से यहोवा की उपासना दोबारा शुरू करता है
2इत 30:5, 6, 10-12—हिजकियाह सभी नेकदिल लोगों को उपासना के लिए इकट्ठा होने का संदेश भेजता है
2इत 32:25, 26—हिजकियाह ने घमंड करना छोड़ दिया और एक नम्र इंसान बना (प्रहरीदुर्ग 05 10/15 पेज 25 पैरा. 20)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
2इत 29:11—हिजकियाह ने ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातों को पहली जगह देने में किस तरह बढ़िया मिसाल रखी? (प्रहरीदुर्ग 13 11/15 पेज 17 पैरा. 6, 7)
2इत 32:7, 8—भविष्य में आनेवाली मुश्किलों का सामना करने के लिए हम कौन-से कदम उठा सकते हैं? (प्रहरीदुर्ग 13 11/15 पेज 20 पैरा. 17)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्त ध्यान में रख सकता हूँ?
पढ़ने के लिए आयतें: 2इत 31:1-10 (4 मि. या उससे कम)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
इस महीने प्रकाशन देने की तैयारी कीजिए: (15 मि.) चर्चा। हाज़िर लोगों को T-35 ट्रैक्ट देने का पहला प्रदर्शन दिखाइए और फिर उसमें बतायी कुछ खास बातों पर चर्चा कीजिए। बताइए कि प्रचारक के ऐसा क्या कहने या करने से वह व्यक्ति दोबारा मिलने के लिए राज़ी हुआ। इसी तरह यही ट्रैक्ट देने का दूसरा प्रदर्शन दिखाइए और फिर खुशखबरी ब्रोशर देने का वीडियो दिखाइए और उन पर चर्चा कीजिए। “खुशखबरी ब्रोशर से बाइबल अध्ययन कैसे कराएँ” लेख देखिए। प्रचारकों से कहिए कि वे प्रकाशन देने के दूसरे तरीके के बारे में सोचें और उसे खाली जगह में लिखें।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 13
“उपासना की जगह बनाने और उनका रख-रखाव करने का सम्मान”: (15 मि.) चर्चा। जिन भाई-बहनों ने राज-घर निर्माण में हिस्सा लिया है, उन्हें यह बताने के लिए कहिए कि इस काम से उन्हें क्या खुशी मिली। मंडली के उस भाई का एक छोटा-सा इंटरव्यू लीजिए, जो राज-घर की साफ-सफाई और रख-रखाव का काम सँभालता है।
मंडली का बाइबल अध्ययन: गवाही दो अध्या. 23 पैरा. 16-19 और “सदूकी और फरीसी” नाम का बक्स (30 मि.)
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 142 और प्रार्थना
ध्यान रखिए: गीत की धुन एक बार बजाने के बाद मंडली में हाज़िर लोगों से नया गीत गाने के लिए कहिए।