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जीएँ मसीहियों की तरह

चिंता करना छोड़ दो

चिंता करना छोड़ दो

पहाड़ी उपदेश में यीशु ने कहा था, “अपने जीवन के लिए चिंता करना छोड़ दो।” (मत 6:25) शैतान की इस दुनिया में हम इंसान कई बार चिंता में पड़ जाते हैं और ऐसा होना स्वाभाविक है। लेकिन यीशु अपने चेलों से कह रहा था कि वे हद-से-ज़्यादा चिंता न करें। (भज 13:2) क्यों? अगर हम बहुत ज़्यादा चिंता करें, चाहे वह रोटी, कपड़े वगैरह के लिए क्यों न हो, तो राज को पहली जगह देना हमारे लिए मुश्‍किल हो सकता है। (मत 6:33) यीशु ने आगे जो कहा, उसे मानने से हम ज़रूरत-से-ज़्यादा चिंता नहीं करेंगे।

मैं किन बातों की चिंता नहीं करना चाहता हूँ?