22-28 जनवरी
मत्ती 8-9
गीत 25 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यीशु को लोगों से प्यार था”: (10 मि.)
मत 8:1-3—यीशु ने एक कोढ़ी पर जो करुणा की, वह गौर करने लायक थी (“यीशु ने . . . उसे छुआ,” “मैं चाहता हूँ” अ.बाइ. मत 8:3 अध्ययन नोट)
मत 9:9-13—यीशु उनके साथ भी कृपा से पेश आया, जिन्हें लोग नीची नज़र से देखते थे (“खाना खा रहा था,” “कर-वसूलनेवाले” अ.बाइ. मत 9:10 अध्ययन नोट)
मत 9:35-38—यीशु को लोगों से प्यार था इसलिए थके होने पर भी उसने प्रचार किया और प्रार्थना की कि परमेश्वर और भी प्रचारकों को भेजे (“तड़प उठा” अ.बाइ. मत 9:36 अध्ययन नोट)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मत 8:8-10—यीशु ने सेना-अफसर से जो कहा, उससे हम क्या सीखते हैं? (प्र02 8/15 पेज 13 पै 16)
मत 9:16, 17—यीशु ये दोनों मिसालें बताकर क्या कहना चाहता था? (जीज़स द वे पेज 70 पै 6)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मत 8:1-17
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
तीसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) ‘गवाही कैसे दें’ भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। व्यक्ति को सभा के लिए बुलाइए।
चौथी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) कोई आयत चुनिए और अध्ययन के लिए इस्तेमाल होनेवाला कोई प्रकाशन दीजिए।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) सिखाती है पेज 46-47 पै 18-19
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 19
‘यकीनन परमेश्वर ने उसे प्रभु और मसीह ठहराया है’—भाग 1—एक झलक: (15 मि.) चर्चा। मत्ती 9:18-25 पढ़िए और वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल कीजिए:
यीशु ने बीमार औरत और याइर से हमदर्दी कैसे जतायी?
इन घटनाओं पर गौर करने के बाद आपको परमेश्वर के राज से जुड़ी भविष्यवाणियों के बारे में कैसा लगता है?
अगर हमें यीशु की तरह लोगों से प्यार होगा, तो हम क्या करेंगे?
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) यहोवा के करीब अध्या 31 पै 13-20
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 13 और प्रार्थना