यीशु को लोगों से प्यार था
गलील में यीशु ने जो सेवा की, उस बारे में मत्ती के अध्याय 8 और 9 में लिखा है। वहाँ जब उसने लोगों को ठीक किया, तब न सिर्फ यह ज़ाहिर हुआ कि उसके पास कितनी शक्ति थी, बल्कि यह भी कि उसे लोगों के लिए कितना प्यार और कितनी करुणा थी।
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यीशु ने एक कोढ़ी को ठीक किया।—मत 8:1-3
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यीशु ने एक सेना-अफसर के सेवक की बीमारी ठीक की।—मत 8:5-13
उसने पतरस की सास की बीमारी ठीक की।—मत 8:14, 15
उसने कई लोगों को दुष्ट स्वर्गदूतों के वश से छुड़ाया और लोगों की तकलीफें दूर कीं।—मत 8:16, 17
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यीशु ने बहुत खतरनाक दुष्ट स्वर्गदूतों को निकाला और उन्हें सुअरों के झुंड में भेज दिया।—मत 8:28-32
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यीशु ने लकवे के मारे एक आदमी को ठीक किया।—मत 9:1-8
उसने एक स्त्री को ठीक किया, जिसने उसके कपड़े को छुआ था। उसने याइर की बेटी को भी ज़िंदा किया।—मत 9:18-26
उसने दो अंधे आदमियों और एक गूँगे आदमी को ठीक किया।—मत 9:27-34
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यीशु गाँव-गाँव और शहर-शहर गया और उसने हर तरह की बीमारी और शरीर की कमज़ोरियाँ दूर कीं।—मत्ती 9:35, 36
मैं सबके साथ और भी प्यार और करुणा से कैसे पेश आ सकता हूँ?