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जीएँ मसीहियों की तरह

बुज़ुर्ग बहनों को माँएँ समझिए और जवान बहनों को अपनी बहनें

बुज़ुर्ग बहनों को माँएँ समझिए और जवान बहनों को अपनी बहनें

बाइबल में बताया गया है कि हम बुज़ुर्ग मसीहियों को माँ-बाप समझें और जवान मसीहियों को भाई और बहनें। (1तीमुथियुस 5:1, 2 पढ़िए।) खासकर भाइयों को ध्यान रखना है कि वे बहनों का आदर करें।

एक भाई को कभी-भी किसी बहन के साथ फ्लर्ट नहीं करना चाहिए या गलत इरादे से मज़ाक नहीं करना चाहिए। या उसे किसी बहन के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि बहन को बुरा लगे। (अय 31:1) एक अविवाहित भाई को कभी-भी किसी अविवाहित बहन के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि बहन को गलतफहमी हो जाए कि वह उससे शादी करना चाहता है।

अगर बहनें प्राचीनों से आदर के साथ कुछ पूछती हैं या ऐसी बात का ज़िक्र करती हैं जिसमें सुधार की ज़रूरत है, तो प्राचीनों को उनकी बात पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें खास तौर से उन बहनों का खयाल रखना चाहिए जिनका पति नहीं है।—रूत 2:8, 9.

मसीही भाई-बहनों से प्यार करते रहिए—विधवाओं और अनाथों से  वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए:

  • भाई-बहनों ने कैसे अपनी जान जोखिम में डालकर बहन मिंट की मदद की?

  • भाई-बहनों का प्यार देखकर गाँव के लोगों को कैसा लगा?

  • भाई-बहनों का प्यार पाकर बहन मिंट की बेटियों को कैसे हौसला मिला?

आप अपनी मंडली की बहनों के लिए क्या-क्या कर सकते हैं?