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23-29 जुलाई

लूका 12-13

23-29 जुलाई
  • गीत 22 और प्रार्थना

  • आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

  • तुम बहुत-सी चिड़ियों से कहीं ज़्यादा अनमोल हो”: (10 मि.)

    • लूक 12:6​—परमेश्‍वर छोटी-छोटी चिड़ियों को भी नहीं भूलता (“चिड़ियाँअ.बाइ. लूक 12:6 अध्ययन नोट)

    • लूक 12:7​—यहोवा हमारी हर छोटी-से-छोटी बात जानता है, जिससे पता चलता है कि उसे हमारी परवाह है (“तुम्हारे सिर का एक-एक बाल तक गिना हुआ हैअ.बाइ. लूक 12:7 अध्ययन नोट)

    • लूक 12:7​—यहोवा हममें से हरेक को अनमोल समझता है (यहोवा के करीब पेज 241 पै 4-5)

  • ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)

    • लूक 13:24​—इस आयत में यीशु ने जो कहा, उसका क्या मतलब है? (“जी-तोड़ संघर्ष करोअ.बाइ. लूक 13:24 अध्ययन नोट)

    • लूक 13:33​—यीशु ने यह बात क्यों कही? (“यह हो नहीं सकताअ.बाइ. लूक 13:33 अध्ययन नोट)

    • इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?

    • इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?

  • पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) लूक 12:22-40

बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

  • तीसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर व्यक्‍ति को सभा में बुलाइए।

  • चौथी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) कोई आयत चुनिए और अध्ययन के लिए इस्तेमाल होनेवाला कोई प्रकाशन दीजिए।

  • बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) प्यार के लायक पेज 214-215 पै 4-5

जीएँ मसीहियों की तरह

  • गीत 42

  • अकेले पर भुलाए नहीं गए: (15 मि.) वीडियो दिखाइए। फिर इन सवालों पर चर्चा कीजिए:

    • वे तीन प्रचारक किन मुश्‍किल हालात से गुज़रे?

    • क्या दिखाता है कि यहोवा उन्हें नहीं भूला?

    • मुश्‍किलों के बावजूद वे प्रचारक कैसे यहोवा की सेवा करते रहे और इससे दूसरों का हौसला कैसे बढ़ा?

    • आप अपनी मंडली के बुज़ुर्ग या बीमार भाई-बहनों के लिए प्यार कैसे जता सकते हैं?

  • मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्‍वास की मिसाल अध्या 12 पै 13-25 और “मनन के लिए सवाल

  • सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)

  • गीत 32 और प्रार्थना