“तुम बहुत-सी चिड़ियों से कहीं ज़्यादा अनमोल हो”
लूका 12:4 में यीशु ने अपने चेलों से कहा कि उन्हें ऐसे लोगों से नहीं डरना चाहिए, जो उनका विरोध करेंगे, यहाँ तक कि उन्हें जान से मार डालेंगे। इसके बाद उसने उनकी हिम्मत बढ़ाने के लिए लूका 12:6, 7 में लिखी बात कही। यीशु उन्हें यकीन दिला रहा था कि यहोवा अपने हरेक सेवक का ध्यान रखता है और वह उस पर ऐसी कोई तकलीफ नहीं आने देगा, जिससे उसका हमेशा के लिए नुकसान हो।
यहोवा की तरह हम उन भाई-बहनों की परवाह कैसे कर सकते हैं, जिन पर ज़ुल्म ढाए जा रहे हैं?
जो यहोवा के साक्षी अपने विश्वास की वजह से जेल की सज़ा काट रहे हैं, उनके बारे में हमें ताज़ा खबर कहाँ मिल सकती है?
फिलहाल कितने भाई-बहन जेल की सज़ा काट रहे हैं?