9-15 जुलाई
लूका 8-9
गीत 5 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यीशु के पीछे चलते रहने के लिए हमें क्या करना होगा?”: (10 मि.)
लूक 9:57, 58—जो यीशु के पीछे चलना चाहते हैं, उन्हें यहोवा पर भरोसा करना चाहिए (इंसाइट-2 पेज 494)
लूक 9:59, 60—यीशु के चेले परमेश्वर के राज को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह देते हैं (“अपने पिता को दफना दूँ,” “मुरदों को अपने मुरदे दफनाने दे” अ.बाइ. लूक 9:59, 60 अध्ययन नोट)
लूक 9:61, 62—यीशु के चेले दुनिया की किसी भी चीज़ को परमेश्वर की सेवा के आड़े नहीं आने देते (“हल जोतना” अ.बाइ. लूक 9:61, 62 तसवीर; प्र12 4/15 पेज 15-16 पै 11-13)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
लूक 8:3—इन मसीहियों ने किस तरह यीशु और प्रेषितों की “सेवा” की? (“की सेवा करती थीं” अ.बाइ. लूक 8:3 अध्ययन नोट)
लूक 9:49, 50—यीशु ने उस आदमी को क्यों नहीं रोका, जो दुष्ट स्वर्गदूतों को निकाल रहा था जबकि वह यीशु के साथ नहीं रहता था? (प्र08 3/15 पेज 31 पै 3)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) लूक 8:1-15
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
भाषण: (6 मि. या उससे कम) प्र12 3/15 पेज 27-28 पै 11-15—विषय: परमेश्वर के राज की खातिर हमने जो त्याग किए हैं, क्या हमें उसका अफसोस करना चाहिए?
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 3
मंडली की ज़रूरतें: (15 मि.)
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 11 पै 12-20 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 27 और प्रार्थना