जीएँ मसीहियों की तरह
निजी अध्ययन से ज़्यादा-से-ज़्यादा फायदा पाइए
ज़रूरी क्यों है: निजी अध्ययन करने से हम परमेश्वर के वचन में पायी जानेवाली सच्चाई की ‘चौड़ाई, लंबाई, ऊँचाई और गहराई अच्छी तरह समझ’ पाते हैं। (इफ 3:18) साथ ही इस दुष्ट दुनिया में निर्दोष और बेदाग बने रह पाते हैं और “जीवन के वचन पर मज़बूत पकड़” बनाए रख पाते हैं। (फिल 2:15, 16) परमेश्वर के वचन का निजी अध्ययन करने के लिए हम अपनी ज़रूरत को ध्यान में रखकर विषय चुन सकते हैं। हम बाइबल के अध्ययन से ज़्यादा-से-ज़्यादा फायदा पाने के लिए क्या कर सकते हैं?
कैसे करें:
-
अपनी बाइबल में आयतों पर निशान लगाइए और नोट्स बनाइए। आप फोन या टैबलेट पर भी ऐसा कर सकते हैं
-
बाइबल पढ़ते वक्त खुद से पूछिए: ‘कौन? क्या? कब? कहाँ? क्यों? कैसे?’
-
जानकारी इकट्ठी कीजिए। खोजबीन के लिए जो प्रकाशन उपलब्ध हैं, उनमें विषय और बाइबल की आयतों के हिसाब से खोजबीन कीजिए
-
मनन कीजिए कि आपने जो पढ़ा है, उस पर आप कैसे अमल कर सकते हैं
-
आप जो सीखते हैं, उसे अपने जीवन में लागू कीजिए।—लूक 6:47, 48
गहराई से अध्ययन करके ‘वचन पर मज़बूत पकड़ बनाए रखिए’ वीडियो देखिए। फिर इन सवालों के जवाब दीजिए:
-
निजी अध्ययन के बारे में कुछ भाई-बहनों का क्या कहना है?
-
हमें निजी अध्ययन करने से पहले हर बार प्रार्थना क्यों करनी चाहिए?
-
हम बाइबल की आयतों की अच्छी समझ कैसे पा सकते हैं?
-
बाइबल का अध्ययन करते समय हम उस पर किस तरह के निशान लगा सकते हैं?
-
बाइबल का अध्ययन करते समय मनन करना क्यों ज़रूरी है?
-
हमें अध्ययन करने के बाद क्या करना चाहिए?