परमेश्वर के वचन के आधार पर एकमत होकर फैसला
यह मामला जिस तरह सुलझाया गया, उससे हम क्या सीख सकते हैं?
15:1, 2—हमें नम्र रहना है और सब्र रखना है। पौलुस और बरनबास ने मामला खुद नहीं सुलझाया। उन्होंने यहोवा के संगठन से निर्देश माँगा।
15:28, 29—परमेश्वर के संगठन पर भरोसा रखना है। अंताकिया की मंडली को भरोसा था कि यहोवा अपनी पवित्र शक्ति और मसीह यीशु के ज़रिए मार्गदर्शन देगा।
16:4, 5—आज्ञा माननी है। शासी निकाय का निर्देश मानने की वजह से मंडलियों में अच्छी तरक्की हुई।