11-17 नवंबर
भजन 106
गीत 36 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. “वे अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गए”
(10 मि.)
जब इसराएली डर गए तो उन्होंने यहोवा से बगावत की (निर्ग 14:11, 12; भज 106:7-9)
जब इसराएलियों को भूख और प्यास लगी, तो वे यहोवा के खिलाफ कुड़कुड़ाने लगे (निर्ग 15:24; 16:3, 8; 17:2, 3; भज 106:13, 14)
जब इसराएलियों को चिंता होने लगी, तो वे मूर्तिपूजा करने लगे (निर्ग 32:1; भज 106:19-21; प्र18.07 पेज 20 पै 13)
मनन के लिए: जब मुश्किलें आती हैं, तो यह याद करना क्यों अच्छा है कि यहोवा ने बीते कल में कैसे हमारी मदद की थी?
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
भज 106:36, 37—मूर्तिपूजा करने का दुष्ट स्वर्गदूतों को बलिदान चढ़ाने के साथ क्या नाता है? (प्र06 8/1 पेज 6 पै 9)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 106:21-48 (जी-जान गुण 10)
4. आसान तरीके से सिखाइए—यीशु ने क्या किया?
(7 मि.) वीडियो दिखाइए, फिर प्यार पाठ 11 मुद्दा 1-2 पर चर्चा कीजिए।
5. आसान तरीके से सिखाइए—यीशु की तरह हमें क्या करना है?
(8 मि.) प्यार पाठ 11 मुद्दा 3-5 और “ये भी देखें” पर चर्चा।
गीत 78
6. मंडली की ज़रूरतें
(15 मि.)
7. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 18 पै 1-5, पेज 142, 144 पर बक्स