23-29 दिसंबर
भजन 119:121-176
गीत 31 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. हम बेवजह खुद को मुसीबत में डालने से कैसे बच सकते हैं?
(10 मि.)
परमेश्वर की आज्ञाओं से प्यार कीजिए (भज 119:127; प्र18.06 पेज 17 पै 5-6)
बुराई से नफरत कीजिए (भज 119:128; प्र93 4/15 पेज 17 पै 12)
यहोवा की बात मानिए और वही गलतियाँ दोहराने से दूर रहिए, जो वे लोग करते हैं “जिन्हें तजुरबा नहीं” है (भज 119:130, 133; नीत 22:3)
खुद से पूछिए: ‘परमेश्वर की आज्ञाओं से प्यार करते रहने या बुराई से नफरत करते रहने के लिए मुझे क्या सुधार करने होंगे?’
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 119:160—इस आयत के मुताबिक हमें किस बात का यकीन होना चाहिए? (प्र23.01 पेज 2 पै 2)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो आयतें हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 119:121-152 (जी-जान गुण 2)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) घर-घर का प्रचार। (प्यार पाठ 1 मुद्दा 5)
5. वापसी भेंट करना
(4 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक जिस विषय के बारे में जानना चाहता है, उसे बताइए कि वह उससे जुड़ी जानकारी jw.org पर कैसे ढूँढ़ सकता है। (प्यार पाठ 8 मुद्दा 3)
6. बाइबल अध्ययन चलाना
(5 मि.) एक ऐसे बाइबल विद्यार्थी के साथ चर्चा कीजिए, जो लगातार सभाओं में नहीं आता। (प्यार पाठ 12 मुद्दा 4)
गीत 121
7. पैसों का प्यार, कई मुसीबतों की जड़
(15 मि.) चर्चा।
जो लोग पैसों के पीछे भागते हैं, वे “खुद को कई दुख-तकलीफों से छलनी कर” लेते हैं। (1ती 6:9, 10) अगर हम भी पैसों से प्यार करेंगे या यह सोचेंगे कि पैसा ही सबकुछ है, तो हमें कई नुकसान हो सकते हैं। जैसे,
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हम यहोवा से दूर जा सकते हैं।—मत 6:24
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हमारे पास जो है या जितना है, उसमें हम खुश नहीं रहेंगे।—सभ 5:10
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झूठ बोलने, चोरी करने और धोखाधड़ी करने जैसे बुरे कामों से दूर रहना हमारे लिए और भी मुश्किल हो जाएगा। (नीत 28:20) और अगर हम कुछ गलत कर बैठेंगे, तो दोष की भावना हमें सताने लगेगी, हमारा नाम खराब हो जाएगा और यहोवा भी हमसे खुश नहीं होगा
इब्रानियों 13:5 पढ़िए। फिर इस सवाल पर चर्चा कीजिए:
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पैसों के बारे में क्या सोच रखने से हम खुद को दुख देने से दूर रह सकते हैं? ऐसी सोच रखना क्यों ज़रूरी है?
पर शायद हममें पैसों का प्यार ना हो। लेकिन अगर हम पैसों का सही तरह इस्तेमाल ना करें, तब भी हम पर तकलीफें आ सकती हैं।
पैसों का सोच-समझकर इस्तेमाल करें बोर्डवाला कार्टून दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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हमें क्यों एक बजट बनाना चाहिए? हम यह कैसे कर सकते हैं?
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कुछ पैसे बचाकर रखना क्यों अच्छा है?
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हमें क्यों बेकार में कर्ज़ नहीं लेना चाहिए?
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 20 पै 1-7, भाग 7 की एक झलक