25 नवंबर–1 दिसंबर
भजन 109-112
गीत 14 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. राजा यीशु का साथ दीजिए
(10 मि.)
स्वर्ग लौटकर यीशु, यहोवा के दाएँ हाथ बैठ गया (भज 110:1; प्र06 9/1 पेज 18 पै 6)
1914 से यीशु अपने दुश्मनों पर जीत हासिल करने लगा (भज 110:2; प्र00 4/1 पेज 18 पै 3)
जब हम अपने हालात के मुताबिक बढ़-चढ़कर सेवा करते हैं, तो हम यीशु के राज का साथ दे रहे होते हैं (भज 110:3; सेवा स्कूल पेज 76 पै 2)
खुद से पूछिए: ‘परमेश्वर के राज का साथ देने के लिए मैं कौन-से लक्ष्य रख सकता हूँ?’
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 110:4—समझाइए कि इस आयत में किस करार की बात की गयी है। (इंसाइट-1 पेज 524 पै 2)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 109:1-26 (जी-जान गुण 2)
4. बातचीत शुरू करना
(2 मि.) घर-घर का प्रचार। एक ट्रैक्ट से बातचीत शुरू कीजिए। (प्यार पाठ 4 मुद्दा 3)
5. समझाइए कि आप क्या मानते हैं
(5 मि.) प्रदर्शन। अकसर पूछे जानेवाले सवाल 23—विषय: यहोवा के साक्षी युद्ध में हिस्सा क्यों नहीं लेते? (प्यार पाठ 4 मुद्दा 4)
6. बाइबल अध्ययन चलाना
गीत 72
7. हम कैसे परमेश्वर के राज का साथ दे सकते हैं?
(15 मि.) चर्चा।
यहोवा का राज इस बात का सबूत है कि वह ही स्वर्ग और धरती का राजा है। (दान 2:44, 45) इसलिए जब हम हर मामले में उसके राज का साथ देते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हमें यकीन है कि यहोवा से बढ़िया राजा और कोई नहीं है।
हमेशा ‘शांति के शासक’ का साथ दीजिए वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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हम परमेश्वर के राज का साथ कैसे दे सकते हैं?
आगे परमेश्वर के राज का साथ देने के अलग-अलग तरीके बताए गए हैं। हर तरीके से जुड़ी एक आयत लिखिए।
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हम परमेश्वर के राज को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह देते हैं।
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हम परमेश्वर के राज के ठहराए नैतिक स्तरों पर चलते हैं।
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हम जोश से परमेश्वर के राज के बारे में दूसरों को बताते हैं।
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हम सरकार की बात मानते हैं, पर जब उसके कानून परमेश्वर की आज्ञा के खिलाफ होते हैं, तब हम परमेश्वर की बात मानते हैं।
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 18 पै 16-24