यहोवा को सबसे अच्छी भेंट दीजिए
यहोवा चाहता था कि इसराएली उसे अपनी तरफ से सबसे अच्छी भेंट दें। अगर किसी की जानवर चढ़ाने की हैसियत नहीं थी, तो वह “मैदा” अर्पित कर सकता था। उसे भेंट के लिए कोई भी आटा नहीं, बल्कि “मैदा” ही चढ़ाना था, जिससे खास मेहमानों के लिए रोटी बनायी जाती थी। (उत 18:6) इस तरह एक गरीब इसराएली भी यहोवा से सुलह करने के लिए उसे भेंट दे सकता था। आज शायद हम अपने हालात की वजह से यहोवा की सेवा थोड़ी-बहुत ही कर पा रहे हों। लेकिन यहोवा हमारे ‘तारीफ के बलिदान’ से खुश होता है, क्योंकि वह जानता है कि हम अपनी तरफ से उसे सबसे अच्छी भेंट दे रहे हैं।—इब्र 13:15.
अगर आप खराब सेहत या ढलती उम्र की वजह से यहोवा की सेवा पहले की तरह नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको क्या याद रखना चाहिए?