जीएँ मसीहियों की तरह
धर्मत्यागियों से बचकर रहिए
शैतान और उसके अधीन रहनेवाले लोग अकसर सच को झूठ के साथ मिलाकर पेश करते हैं। इस तरह वे हमारा विश्वास कमज़ोर करने की कोशिश करते हैं। (2कुर 11:3) जैसे, अश्शूरी लोगों ने आधा-अधूरा सच बताकर और सीधे-सीधे झूठ बोलकर यहोवा के लोगों की हिम्मत तोड़ने की कोशिश की। (2इत 32:10-15) आज धर्मत्यागी भी ऐसा ही करते हैं। उनकी सिखायी बातों को हमें किस नज़र से देखना चाहिए? वे हमारे लिए ज़हर जैसी हैं! हमें उनकी बातें कभी नहीं पढ़नी चाहिए, उन्हें कोई जवाब नहीं देना चाहिए और न ही उनकी बातें किसी और को बतानी चाहिए। अगर आपको ऐसी कोई भी जानकारी मिलती है जिससे आपके मन में यहोवा और उसके संगठन के लिए शक पैदा हो सकता है, तो समझ जाइए कि यह धर्मत्यागियों की तरफ से है। ऐसी जानकारी को फौरन ठुकरा दीजिए!—यहू 3, 4.
‘विश्वास की खातिर जी-जान से लड़िए!’—एक झलक वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों के जवाब दीजिए:
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