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13-19 मई

भजन 38-39

13-19 मई

गीत 125 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

1. हद-से-ज़्यादा दोषी महसूस करने का बोझ उतार फेंकिए

(10 मि.)

हद-से-ज़्यादा दोषी महसूस करने से ऐसा लग सकता है कि हम एक भारी बोझ तले दब रहे हैं (भज 38:3-8; प्र20.11 पेज 27 पै 12-13)

पुरानी गलतियों के बारे सोचते रहने के बजाय, ठान लीजिए कि आप ऐसी ज़िंदगी जीएँगे जिससे यहोवा खुश होता है (भज 39:4, 5; प्र02 11/15 पेज 20 पै 1-2)

चाहे दोष की भावना की वजह से प्रार्थना करना मुश्‍किल लगे, फिर भी प्रार्थना कीजिए (भज 39:12; प्र21.10 पेज 15 पै 4)

अगर आप बहुत ज़्यादा दोषी महसूस करते हैं, तो याद रखिए कि यहोवा पश्‍चाताप करनेवालों को “दिल खोलकर माफ करता है।”​—यश 55:7.

2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न

(10 मि.)

  • भज 39:1—हमें किन हालात में ‘अपने मुँह पर मुसका बाँधे रहना’ चाहिए? (प्र22.09 पेज 13 पै 16)

  • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?

3. पढ़ने के लिए आयतें

बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर

4. सोच-समझकर बात कीजिए—पौलुस ने क्या किया?

(7 मि.) वीडियो दिखाइए, फिर प्यार  पाठ 5 मुद्दा 1-2 पर चर्चा कीजिए।

5. सोच-समझकर बात कीजिए—पौलुस की तरह हमें क्या करना है?

जीएँ मसीहियों की तरह

गीत 44

6. मंडली की ज़रूरतें

(15 मि.)

7. मंडली का बाइबल अध्ययन

समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.) | गीत 84 और प्रार्थना