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27 मई–2 जून

भजन 42-44

27 मई–2 जून

गीत 86 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

1. यहोवा से मिलनेवाली शिक्षा का पूरा फायदा उठाइए

(10 मि.)

दूसरों के साथ मिलकर यहोवा की उपासना कीजिए। हो सके तो सभाओं की जगह पर जाइए (भज 42:4, 5; प्र06 6/1 पेज 9 पै 4)

परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन करने से पहले प्रार्थना कीजिए (भज 42:8; प्र12 1/15 पेज 15 पै 2)

ज़िंदगी के हर मामले में बाइबल के सिद्धांत मानिए (भज 43:3)

परमेश्‍वर जो शिक्षा देता है, उससे हम मुश्‍किलों का सामना कर पाते हैं और अपने समर्पण के वादे के मुताबिक जी पाते हैं।—1पत 5:10; प्र16.09 पेज 5-6 पै 11-12.

2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न

(10 मि.)

  • भज 44:19—“जहाँ गीदड़ रहते हैं,” इसका क्या मतलब हो सकता है? (इंसाइट-1 पेज 1242)

  • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?

3. पढ़ने के लिए आयतें

बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर

4. बातचीत शुरू करना

(4 मि.) घर-घर का प्रचार। सामनेवाले से पूछिए कि क्या वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार  पाठ 5 मुद्दा 5)

5. वापसी भेंट करना

(5 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक को अगले जन भाषण के लिए बुलाइए। राज-घरों में क्या होता है?  वीडियो के बारे में बताइए। (प्यार  पाठ 7 मुद्दा 5)

6. भाषण

(3 मि.) प्यार  सुझाव क मुद्दा 4—एक ऐसा वक्‍त आएगा जब सभी की सेहत अच्छी होगी। (जी-जान  गुण 2)

जीएँ मसीहियों की तरह

गीत 21

7. कोर्स और काम के बारे में सही फैसले लीजिए

(15 मि.) चर्चा।

नौजवानो, स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप क्या करने की सोच रहे हैं? शायद आपने पहले से सोच लिया हो कि आप कौन-सी नौकरी करेंगे ताकि आप पायनियर सेवा भी कर सकें। या फिर ऐसा करने के लिए आप एक कोर्स करने की सोच रहे हों जिससे आप कोई हुनर सीख सकें या आपको कोई लाइसेंस या डिप्लोमा मिल सके। आपकी ज़िंदगी एक नया मोड़ लेनेवाली है! हो सकता है कि आपके मन में बहुत कुछ चल रहा हो। आपके सामने कई रास्ते होंगे। शायद आप कुछ करना चाहते हों, पर दूसरों की उम्मीदें कुछ और हों। ऐसे में आप सही फैसला कैसे ले सकते हैं?

मत्ती 6:32, 33 पढ़िए फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:

  • कोई काम या कोर्स शुरू करने से पहले, परमेश्‍वर की सेवा से जुड़े लक्ष्य रखना क्यों अच्छा है?

  • माता-पिता अपने बच्चों को मत्ती 6:32, 33 का सिद्धांत मानने में कैसे मदद दे सकते हैं?—भज 78:4-7

इन मामलों में फैसले लेते वक्‍त सोचिए कि कहीं आपके मन में खूब पैसा कमाने या बड़ा नाम बनाने की इच्छा तो नहीं है। (1यूह 2:15, 17) याद रखिए कि बहुत दौलत-शोहरत होने से एक इंसान के लिए राज को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह देना मुश्‍किल हो सकता है। (लूका 18:24-27) अगर एक व्यक्‍ति खूब पैसा कमाने की दौड़ में लग जाए, तो वह शायद ही यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता मज़बूत कर पाएगा।—मत 6:24; मर 8:36.

ऐसी बातों पर भरोसा मत कीजिए जो मिटनेवाली हैं—धन-दौलत  वीडियो दिखाइए फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:

  •   नीतिवचन 23:4, 5 को ध्यान में रखकर आप कैसे सही फैसले ले सकते हैं?

8. मंडली का बाइबल अध्ययन

समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.) | गीत 47 और प्रार्थना