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6-12 मई

भजन 36-37

6-12 मई

गीत 87 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)

पाएँ बाइबल का खज़ाना

1. “बुरे लोगों की वजह से मत झुँझलाना”

(10 मि.)

दुष्ट लोगों के कामों की वजह से बहुत दुख होता है, हम पर कई तकलीफें भी आती हैं (भज 36:1-4; प्र17.04 पेज 10 पै 4)

अगर हम “बुरे लोगों” की वजह से गुस्सा करेंगे, तो इससे हमारा ही नुकसान होगा (भज 37:1, 7, 8; प्र22.06 पेज 10 पै 10)

यहोवा के वादों पर भरोसा करने से हम शांत रह पाएँगे (भज 37:10, 11; प्र03 12/1 पेज 14 पै 20)

खुद से पूछिए: ‘क्या मैं खून-खराबे और बुरे-बुरे कामों की खबरें ज़्यादा देखता हूँ? कहीं इनका मुझ पर असर तो नहीं होने लगा है?’

2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न

(10 मि.)

  • भज 36:6—यहोवा की नेकी “बड़े-बड़े, ऊँचे पहाड़ों [या “परमेश्‍वर के पहाड़ों,” फु.]” जैसी है, इसका क्या मतलब हो सकता है? (इंसाइट-2 पेज 445)

  • इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?

3. पढ़ने के लिए आयतें

बढ़ाएँ प्रचार करने का हुनर

4. बातचीत शुरू करना

(3 मि.) घर-घर का प्रचार। (प्यार  पाठ 1 मुद्दा 5)

5. वापसी भेंट करना

(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। एक व्यक्‍ति ने बीते कल में बाइबल अध्ययन करने से मना कर दिया था। उससे पूछिए कि क्या अब वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार  पाठ 9 मुद्दा 4)

6. भाषण

(5 मि.) प्र14 9/15 पेज 22—विषय: क्या यहोवा कभी मसीहियों को खाने की कमी नहीं होने देगा? (भज 37:25) (जी-जान  गुण 13)

जीएँ मसीहियों की तरह

गीत 33

7. क्या आप “मुसीबत की घड़ी” का सामना करने के लिए तैयार हैं?

(15 मि.) चर्चा।

आज हर कहीं प्राकृतिक विपत्तियाँ और इंसानों की लायी विपत्तियाँ कहर ढा रही हैं। इस वजह से पूरी दुनिया में हमारे भाई-बहन ना सिर्फ अपनी संपत्ति बल्कि अपनों को भी खो देते हैं। इस तरह की “मुसीबत की घड़ी” हम पर भी आ सकती है। (भज 9:9, 10) इसलिए इसका सामना करने के लिए हमें पहले से तैयार रहना चाहिए।

व्यावहारिक कदम उठाने a के अलावा हम और क्या कर सकते हैं?

  • अपना मन तैयार कीजिए: यह मानिए कि विपत्तियाँ आती हैं। फिर सोचिए कि कोई विपत्ति आने पर आप क्या करेंगे। अपनी चीज़ों या संपत्ति से ज़्यादा लगाव मत रखिए। तब विपत्ति आने पर आप समझ से काम ले पाएँगे। अपनी चीज़ें बचाने के बजाय आप अपनी और दूसरों की जान बचाने के बारे में सोचेंगे। (उत 19:16; भज 36:9) यहाँ तक कि चीज़ें खोने पर आपको उतना गम नहीं होगा।—भज 37:19

  • यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता मज़बूत कीजिए: खुद को यकीन दिलाइए कि यहोवा आपकी देखभाल कर सकता है और वह ऐसा करना चाहता भी है। (भज 37:18) हर दिन खुद को याद दिलाइए कि चाहे हमारा सबकुछ लुट जाए और सिर्फ हमारी “जान सलामत” रहे, तब भी यहोवा हमारा साथ नहीं छोड़ेगा। वह हमें राह दिखाता रहेगा।—यिर्म 45:5; भज 37:23, 24

जब हमें यकीन होगा कि यहोवा अपने सारे वादे पूरे करेगा, तो हम ‘मुसीबत की घड़ी में उसे अपना किला’ बना रहे होते हैं।—भज 37:39.

क्या आप विपत्ति का सामना करने के लिए तैयार हैं?  वीडियो दिखाइए फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:

  • विपत्ति के समय यहोवा हमारी मदद कैसे कर सकता है?

  • विपत्ति का सामना करने के लिए हम कौन-से व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं?

  • विपत्ति की मार झेलनेवाले भाई-बहनों की मदद हम कैसे कर सकते हैं?

8. मंडली का बाइबल अध्ययन

समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.) | गीत 57 और प्रार्थना