14-20 मई
मरकुस 9-10
गीत 16 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“विश्वास मज़बूत करनेवाला एक दर्शन”: (10 मि.)
मर 9:1—यीशु ने वादा किया था कि उसके कुछ प्रेषित एक दर्शन में राज की झलक देखेंगे (प्र05 1/15 पेज 12 पै 9-10)
मर 9:2-6—पतरस, याकूब और यूहन्ना ने दर्शन में देखा कि यीशु का रूप बदल गया है और वह “एलियाह और मूसा” से बात कर रहा है (प्र05 1/15 पेज 12-13 पै 11)
मर 9:7—यहोवा ने खुद कहा कि यीशु उसका बेटा है (“आवाज़” अ.बाइ. मर 9:7 अध्ययन नोट)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मर 10:6-9—यीशु ने शादी के बारे में किस सिद्धांत पर ज़ोर दिया? (प्र08 2/15 पेज 30 पै 8)
मर 10:17, 18—जब एक आदमी ने यीशु को “अच्छे गुरु” कहा, तो यीशु ने उसे ऐसा कहने से मना क्यों किया? (“अच्छे गुरु,” “कोई अच्छा नहीं है, सिवा परमेश्वर के” अ.बाइ. मर 10:17, 18 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मर 9:1-13
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
भाषण: (6 मि. या उससे कम) प्र04 5/15 पेज 30-31—विषय: मरकुस 10:25 में दर्ज़ यीशु के शब्दों का क्या मतलब है?
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 36
“जिसे परमेश्वर ने एक बंधन में बाँधा है . . .”: (15 मि.) चर्चा। प्यार और आदर शादी को अटूट बनाए नाम का वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 7 पै 15-27 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 6 और प्रार्थना