21-27 मई
मरकुस 11-12
गीत 29 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“उसने सब लोगों से ज़्यादा डाला”: (10 मि.)
मर 12:41, 42—यीशु ने उस गरीब विधवा पर ध्यान दिया, जिसने दान-पात्र में दो पैसे डाले। उन पैसों की कीमत न के बराबर थी (“दान-पात्रों,” “दो पैसे,” “जिनकी कीमत न के बराबर थी” अ.बाइ. मर 12:41, 42 अध्ययन नोट)
मर 12:43—यीशु ने उस विधवा के त्याग की कदर की और अपने चेलों का ध्यान उसकी तरफ खींचा (प्र97 10/15 पेज 16-17 पै 16-17)
मर 12:44—यहोवा की नज़र में उस विधवा का दान अनमोल था (प्र97 10/15 पेज 17 पै 17; प्र88 10/1 पेज 27 पै 7; यहोवा के करीब पेज 185 पै 15)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मर 11:17—यीशु ने यह क्यों कहा कि मंदिर “सब राष्ट्रों के लिए प्रार्थना का घर” है? (“सब राष्ट्रों के लिए प्रार्थना का घर” अ.बाइ. मर 11:17 अध्ययन नोट)
मर 11:27, 28—जब यीशु के विरोधियों ने पूछा कि वह “ये सब किस अधिकार से करता है,” तो वे किस बारे में बात कर रहे थे? (जीज़स द वे पेज 244 पै 7)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मर 12:13-27
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। व्यक्ति सुनना नहीं चाहता इसलिए ऐसी बात कहता है, जो अकसर आपके यहाँ लोग कहते हैं। यह रुकावट पार कीजिए।
दूसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए। व्यक्ति कहता है कि कुछ ही समय पहले उसके किसी रिश्तेदार की मौत हो गयी है।
तीसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 54
यहोवा पर विश्वास रखने से सब बातें मुमकिन होती हैं: (15 मि.) वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 8 पै 1-16
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 24 और प्रार्थना