12-18 अप्रैल
गिनती 20-21
गीत 114 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“जब मुश्किल हो तब भी दीन बने रहिए”: (10 मि.)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
गि 20:23-27—जब हारून को उसकी गलती बतायी गयी, तो उसने क्या किया और इससे हम क्या सीखते हैं? यहोवा ने हारून को कैसे इंसान के तौर पर याद किया और इससे हम क्या सीखते हैं? (प्र14 6/15 पेज 26 पै 12-13)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि.) गि 20:1-13 (जी-जान गुण 2)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (3 मि.) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। बातचीत में आनेवाली एक आम रुकावट पार कीजिए। (जी-जान गुण 12)
वापसी भेंट: (4 मि.) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। प्रकाशनों के पिटारे से किसी प्रकाशन के बारे में बताइए। (जी-जान गुण 3)
भाषण: (5 मि.) सज 4/15 पेज 9—विषय: मैं अपने गुस्से पर काबू कैसे पा सकता हूँ? (जी-जान गुण 16)
जीएँ मसीहियों की तरह
ऐसी बातें कीजिए जो दूसरों की हिम्मत बँधाएँ: (7 मि.) भाषण और थोड़े सवाल-जवाब। वीडियो दिखाइए। फिर सवाल कीजिए: दूसरों की बुराई करने या उनमें नुक्स निकालने से सुननेवालों पर कैसा असर होगा? भाई अपनी सोच कैसे बदल पाया?
यार-दोस्तों की बातों में मत आइए!: (8 मि.) भाषण और थोड़े सवाल-जवाब। बोर्डवाला कार्टून दिखाइए। फिर सवाल कीजिए: कई लोगों पर क्या करने का दबाव आता है? निर्गमन 23:2 में क्या सलाह दी गयी है? हमें किन चार बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि हम दूसरों के कहने में न आएँ?
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) बहाल अध्या 7 पै 16-23
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.)
गीत 129 और प्रार्थना