14-20 अप्रैल
नीतिवचन 9
गीत 56 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. बुद्धिमान बनिए, खिल्ली उड़ानेवाले नहीं
(10 मि.)
खिल्ली उड़ानेवाला सलाह कबूल नहीं करता बल्कि सलाह देनेवाले से नाराज़ हो जाता है (नीत 9:7, 8क; प्र22.02 पेज 9 पै 4)
बुद्धिमान सलाह कबूल करता है और सलाह देनेवाले का एहसान मानता है (नीत 9:8ख, 9; प्र22.02 पेज 12-13 पै 12-14; प्र01 5/15 पेज 30 पै 1-2)
बुद्धिमान का भला होगा, पर खिल्ली उड़ानेवाले का नुकसान (नीत 9:12; प्र01 5/15 पेज 30 पै 5)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
नीत 9:17—“चोरी का पानी” क्या है और उसे “मीठा” क्यों कहा गया है? (प्र06 10/1 पेज 4 पै 2)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 9:1-18 (जी-जान गुण 5)
4. वापसी भेंट करना
(4 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक स्मारक में आया था। (प्यार पाठ 8 मुद्दा 3)
5. वापसी भेंट करना
(4 मि.) सरेआम गवाही देना। पिछली बार आपने सामनेवाले को बताया था कि उसके इलाके में स्मारक कहाँ होगा। (प्यार पाठ 7 मुद्दा 4)
6. वापसी भेंट करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। पिछली बार आपने अपने रिश्तेदार को बताया था कि उनके इलाके में स्मारक कहाँ होगा। (प्यार पाठ 8 मुद्दा 4)
गीत 84
7. क्या बड़ी ज़िम्मेदारियाँ आपको बड़ा बनाती हैं?
(15 मि.) चर्चा।
वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
कुछ भाषाओं में “सम्मान” या “ज़िम्मेदारी” का क्या मतलब हो सकता है?
जिनके पास मंडली में कोई ज़िम्मेदारी है, उन्हें खुद के बारे में क्या याद रखना चाहिए?
दूसरों की सेवा करना, कोई ओहदा पाने से क्यों ज़्यादा ज़रूरी है?
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 25 पै 5-7, पेज 200 पर बक्स