24-30 मार्च
नीतिवचन 6
गीत 11 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. हम चींटियों से क्या सीख सकते हैं?
(10 मि.)
हम चींटियों को देखकर बहुत कुछ सीख सकते हैं (नीत 6:6)
चींटियों को इस तरह बनाया गया है कि वे बिना किसी शासक के भी बहुत मेहनत करती हैं, एक-दूसरे का साथ देती हैं और आनेवाले कल के लिए तैयारी करती हैं (नीत 6:7, 8; इंसाइट-1 पेज 115 पै 1-2)
अगर हम चींटियों की तरह बनेंगे तो हमें फायदा होगा (नीत 6:9-11; प्र00 9/15 पेज 26 पै 3-4)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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नीत 6:16-19—इन आयतों में जिन बातों का ज़िक्र किया गया है, क्या यहोवा बस उन्हीं से नफरत करता है? (प्र00 9/15 पेज 27 पै 4)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 6:1-26 (जी-जान गुण 10)
4. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। ऐसे रिश्तेदार को खास भाषण और स्मारक के लिए बुलाइए जिसने कुछ समय से यहोवा की सेवा करना छोड़ दिया है। (प्यार पाठ 4 मुद्दा 3)
5. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। स्मारक में हाज़िर होने के लिए अपने बॉस से छुट्टी माँगिए। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 3)
6. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। सामनेवाले को खास भाषण और स्मारक के लिए बुलाइए। (प्यार पाठ 5 मुद्दा 3)
गीत 2
7. सृष्टि से पता चलता है कि यहोवा हमें खुश देखना चाहता है—अद्भुत जानवर
(5 मि.) चर्चा।
वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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जानवरों को देखकर हमें यहोवा के बारे में क्या पता चलता है?
8. मंडली की ज़रूरतें
(10 मि.)
9. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 24 पै 7-12, पेज 193 पर बक्स