28 मार्च–3 अप्रैल
अय्यूब 11-15
गीत 12 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“अय्यूब को पूरा यकीन था कि यहोवा मौत की नींद सो रहे लोगों को दोबारा ज़िंदा करेगा”: (10 मि.)
अय 14:1, 2—अय्यूब ने थोड़े शब्दों में इंसान के जीवन के बारे में बताया (प्रहरीदुर्ग 15 3/1 पेज 3, अँग्रेज़ी; प्रहरीदुर्ग 10 10/1 पेज 5 पैरा. 1; प्रहरीदुर्ग 08 3/1 पेज 3 पैरा. 3, अँग्रेज़ी)
अय 14:13-15क—अय्यूब को पता था कि यहोवा उसे कभी नहीं भूलेगा (प्रहरीदुर्ग 15 8/1 पेज 5, अँग्रेज़ी; प्रहरीदुर्ग 14 4/1 पेज 7 पैरा. 4; प्रहरीदुर्ग 11 7/1 पेज 10 पैरा. 2-4; प्रहरीदुर्ग 06 3/15 पेज 14 पैरा. 9, 10)
अय 14:15ख—यहोवा अपने वफादार सेवकों से बहुत प्यार करता है (प्रहरीदुर्ग 15 8/1 पेज 7 पैरा. 3, अँग्रेज़ी; प्रहरीदुर्ग 14 6/15 पेज 14 पैरा. 12; प्रहरीदुर्ग 11 7/1 पेज 10 पैरा. 3-6)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
अय 12:12—बुज़ुर्ग मसीहियों में कैसे जवान मसीहियों की मदद करने की काबिलीयत होती है? (सजग होइए 99 9/8 पेज 11, बक्स; प्रहरीदुर्ग 14 1/15 पेज 23 पैरा. 6)
अय 15:27—जब एलीपज ने कहा कि अय्यूब के चेहरे पर “चिकनाई छा गई है,” तो उसका क्या मतलब था? (इंसाइट-1 पेज 802 पैरा. 4)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनसे यहोवा के बारे में मैंने क्या सीखा?
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय थे, उनमें से कौन-सी बातें मैं प्रचार करते वक्त ध्यान में रख सकता हूँ?
पढ़ने के लिए आयतें: अय 14:1-22 (4 मि. या उससे कम)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: खुशखबरी पाठ 13 पैरा. 1—इस तरह बातचीत कीजिए कि आप उस व्यक्ति से दोबारा मिल सकें। (2 मि. या उससे कम)
अगली मुलाकात: खुशखबरी पाठ 13 पैरा. 2—अपनी बातचीत इस तरह आगे बढ़ाइए कि आप उससे दोबारा मिल सकें। (4 मि. या उससे कम)
बाइबल अध्ययन: खुशखबरी पाठ 13 पैरा. 3-4 (6 मि. या उससे कम)
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 55
मंडली की ज़रूरतें: (5 मि.)
“दोबारा जी उठना—फिरौती बलिदान की वजह से मुमकिन”: (10 मि.) चर्चा। इस भाग के आखिर में सन् 2014 के क्षेत्रीय अधिवेशन, “पहले परमेश्वर के राज की खोज में लगे रहो!” में दिखाया गया वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: गवाही दो अध्या. 27 पैरा. 19-26, “रोम में पहली बार कैद के वक्त पौलुस के पाँच खत,” “ईसवी सन् 61 के बाद पौलुस की ज़िंदगी” और “खुशखबरी का ‘प्रचार दुनिया के कोने-कोने में’” नाम के बक्स (30 मि.)
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 28 और प्रार्थना