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जीएँ मसीहियों की तरह

दोबारा जी उठना—फिरौती बलिदान की वजह से मुमकिन

दोबारा जी उठना—फिरौती बलिदान की वजह से मुमकिन

यीशु की मौत का दिन भविष्य में मिलनेवाली उन ढेरों आशीषों के बारे में मनन करने का क्या ही बढ़िया अवसर है, जो उसके फिरौती बलिदान की वजह से मुमकिन होंगी! इनमें से एक है दोबारा जी उठाए जाने की आशा। यहोवा ने कभी नहीं चाहा कि इंसान की मौत हो। इसलिए जब हमारे किसी अज़ीज़ की मौत हो जाती है, तब हमें सबसे ज़्यादा दुख होता है। (1कुर 15:26) जब यीशु ने अपने शिष्यों को लाज़र की मौत पर रोते हुए देखा, तो उसे भी बहुत दुख हुआ। (यूह 11:33-35) यीशु हू-ब-हू अपने पिता की तरह है, इसलिए हम इस बात का पूरा यकीन रख सकते हैं कि जब हम अपने अज़ीज़ों के खोने पर दुखी होते हैं, तो यहोवा भी दुखी होता है। (यूह 14:7) यहोवा बेसब्री से उस वक्‍त का इंतज़ार कर रहा है, जब वह अपने वफादार सेवकों को मौत के मुँह से निकालेगा और हमें भी उस वक्‍त की आस रखनी चाहिए।—अय 14:14, 15.

यहोवा हर काम कायदे से करता है, इसलिए ज़ाहिर-सी बात है कि यहोवा मौत की नींद सो रहे लोगों को सिलसिलेवार ढंग से ज़िंदा करेगा। (1कुर 14:33, 40) आज लोगों की मौत पर हम गम के आँसू बहाते हैं, लेकिन उस वक्‍त हमारी आँखों में खुशी के आँसू होंगे। जब आप दुखी होते हैं, तो क्या आप उस वक्‍त के बारे में सोचते हैं, जब आप अपने अज़ीज़ों से दोबारा मिलेंगे? (2कुर 4:17, 18) क्या आप यहोवा का धन्यवाद करते हैं कि उसने फिरौती बलिदान का इंतज़ाम किया और बाइबल में लिखवाया कि वह मौत की नींद सो रहे लोगों को दोबारा ज़िंदा करेगा?—कुल 3:15.

  • आप खासकर अपने किन दोस्तों और रिश्तेदारों से दोबारा मिलने के लिए तरस रहे हैं?

  • आप बाइबल के किस किरदार से मिलना और बातें करना चाहते हैं?