एस्तेर ने बिना किसी स्वार्थ के यहोवा और उसके लोगों की खातिर कदम उठाया
एस्तेर ने हिम्मत से काम लिया और यहोवा और उसके लोगों का पक्ष लिया
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एस्तेर और मोर्दकै की जान को कोई खतरा नहीं था। लेकिन यहूदियों को मिटाने के लिए हामान के फरमान की खबर पूरे साम्राज्य में तेज़ी से फैल रही थी
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एस्तेर दोबारा राजा के सामने बिन बुलाए गयी और ऐसा करके उसने फिर से अपनी जान जोखिम में डाली। वह अपने लोगों के लिए रोयी और उसने राजा से गुहार लगाई कि वह इस फरमान को रद्द कर दे
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राजा के नाम से जारी किया गया कोई भी फरमान रद्द नहीं किया जा सकता। इसलिए राजा ने एस्तेर और मोर्दकै से कहा कि वे नया फरमान लिखें