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बढ़ाएँ प्रचार में हुनर

प्रचार में अपना हुनर बढ़ाइए—आप प्रकाशन कैसे देंगे

प्रचार में अपना हुनर बढ़ाइए—आप प्रकाशन कैसे देंगे

इसकी तैयारी करना क्यों ज़रूरी है? सभा पुस्तिका में प्रकाशन देने के जो सुझाव बताए गए हैं, उनसे बहुत मदद मिल सकती है, लेकिन ध्यान रखिए कि शब्द-ब-शब्द दोहराने के बजाय आप इन्हें अपने शब्दों में कहें। शायद आपके इलाके में प्रकाशन देने के तरीके में कुछ फेरबदल करना बेहतर होगा, या फिर किसी दूसरे विषय पर बातचीत करना ज़्यादा कारगर होगा। अगर आपको ऐसा लगे, तो ट्रैक्ट पढ़िए, प्रकाशन देने के सुझाव पढ़िए और प्रदर्शन का वीडियो देखिए। फिर नीचे दिए गए किसी एक तरीके को अपनाइए। कोई प्रकाशन देने या आयत पढ़ने से पहले यह समझने की कोशिश कीजिए कि उस व्यक्‍ति को हमारे संदेश में रुचि है या नहीं।—राज-सेवा 2/08 पेज 10.

आप तैयारी कैसे कर सकते हैं?

खुद से पूछिए, ‘क्या मैं सभा पुस्तिका में दिए प्रकाशन देने का तरीका अपनाना चाहता हूँ?’

हाँ

  • सोचिए कि आप बातचीत कैसे शुरू करेंगे। नमस्ते करने के बाद कम शब्दों में बताइए कि आप उनसे क्यों मिलने आए हैं। (जैसे: “मैं आपसे इसलिए मिलने आया हूँ क्योंकि . . . ”)

  • सोचिए कि आप सवाल करने के बाद क्या कहकर आयत पढ़ेंगे। (जैसे: आयत पढ़ने से पहले आप कह सकते हैं, “इस सवाल का जवाब यहाँ दिया गया है।”) उसी तरह सोचिए कि आयत पढ़ने के बाद आप बातचीत किस तरह आगे बढ़ाएँगे।

नहीं

  • ट्रैक्ट से एक मुद्दा चुनिए, जो आपको अच्छा लगा और आपके इलाके में लोगों को भी पसंद आएगा

  • सोचकर रखिए कि आप उनसे कौन-सा सवाल करेंगे, जिससे वह अपनी राय बताए और आपके बीच बातचीत शुरू हो जाए, लेकिन ध्यान रखिए कि आपके सवाल से उसे झिझक न हो। (जैसे: वह सवाल कीजिए, जो ट्रैक्ट के पहले पेज पर दिए गए हैं।)

  • सोचिए कि आप कौन-सी आयत पढ़ेंगे

  • सोचकर एक या दो वाक्यों में बताइए कि वह ट्रैक्ट पढ़ने से उसे क्या फायदा होगा

चाहे आप कोई भी तरीका अपनाएँ

  • एक सवाल सोचकर रखिए, जिसका जवाब आप अगली मुलाकात में देंगे

  • अगली मुलाकात में आप जो कहना चाहते हैं, उसे लिख लीजिए ताकि आप उसे याद रख सकें