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गवाही कैसे दें

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●○○ पहली मुलाकात

स्मारक निमंत्रण अभियान (3-31 मार्च): [जिन इलाकों में विरोध की गुंजाइश होती है, वहाँ वापसी भेंट पर ऐसे लोगों को निमंत्रण पत्र दिया जा सकता है, जिन्होंने हमारा संदेश अच्छी तरह सुना था। उनसे भी आप यही बात कह सकते हैं।] हम आपको एक खास कार्यक्रम के लिए बुलाने आए हैं। यह उसका निमंत्रण पत्र है। पूरी दुनिया में लाखों लोग 31 मार्च, शनिवार के दिन यीशु की कुरबानी याद करने के लिए इकट्ठा होंगे। इस परचे में लिखा है कि हमारे इलाके में यह कार्यक्रम कब और कहाँ होगा। इसके एक हफ्ते पहले एक भाषण दिया जाएगा, जिसका विषय है, “यीशु मसीह असल में कौन है?” उसे सुनने के लिए भी ज़रूर आइएगा।

अगली बार (जिनसे अच्छी बातचीत हुई हो): यीशु ने अपनी जान कुरबान क्यों की?

○●○ दूसरी मुलाकात

सवाल: यीशु ने अपनी जान कुरबान क्यों की?

आयत: मत 20:28

अगली बार: फिरौती से क्या कुछ मुमकिन हुआ है?

○○● तीसरी मुलाकात

सवाल: फिरौती से क्या कुछ मुमकिन हुआ है?

आयत: रोम 6:23

अगली बार: हम फिरौती की कदर कैसे कर सकते हैं?