12-18 मार्च
मत्ती 22-23
गीत 51 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“दो सबसे बड़ी आज्ञाओं का पालन कीजिए”: (10 मि.)
मत 22:36-38—इन आयतों से कैसे पता चलता है कि कानून की सबसे बड़ी और पहली आज्ञा मानने में क्या-क्या शामिल है? (“दिल,” “जान,” “दिमाग” अ.बाइ. मत 22:37 अध्ययन नोट)
मत 22:39—कानून की दूसरी सबसे बड़ी आज्ञा क्या है? (“दूसरी,” “पड़ोसी” अ.बाइ. मत 22:39 अध्ययन नोट)
मत 22:40—पूरे इब्रानी शास्त्र का आधार प्यार है (“कानून और भविष्यवक्ताओं,” “आधारित हैं” अ.बाइ. मत 22:40 अध्ययन नोट)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
मत 22:21—हमें “सम्राट को” क्या चुकाना है और “परमेश्वर को” क्या चुकाना है? (“जो सम्राट का है वह सम्राट को,” “जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को” अ.बाइ. मत 22:21 अध्ययन नोट)
मत 23:24—यीशु के इन शब्दों का मतलब क्या है? (“मच्छर को तो छानकर निकाल देते हो, मगर ऊँट को निगल जाते हो” अ.बाइ. मत 23:24 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) मत 22:1-22
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) सिखाती है पेज 199 पै 8-9—प्रचारक विद्यार्थी को बढ़ावा देता है कि वह अपने जान-पहचानवालों को स्मारक के लिए बुलाए।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 37
“परमेश्वर और पड़ोसी के लिए प्यार कैसे बढ़ाएँ?”: (15 मि.) चर्चा। बाइबल की घटनाएँ पढ़ते वक्त हम उनकी कल्पना कैसे कर सकते हैं, यह समझाने के लिए यह ऑडियो सुनाइए, जिसका नाम है यहोवा ही अकेला सच्चा परमेश्वर है—एक झलक। इसमें 1 राजा 18:17-46 की आयतें नाटक के अंदाज़ में पढ़ी गयी हैं।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 3 पै 1-13 और “वह शहर जो अब्राम और सारै ने छोड़ा था” नाम का बक्स
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 26 और प्रार्थना