जीएँ मसीहियों की तरह
खत का नमूना
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खुद का वापसी पता दीजिए। अगर आपको लगता है कि अपना पता देना सही नहीं रहेगा, तो आप राज-घर का पता दे सकते हैं, लेकिन सिर्फ प्राचीनों की इजाज़त से। आपको कभी-भी शाखा दफ्तर का पता नहीं देना चाहिए।
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अगर आप व्यक्ति का नाम जानते हैं, तो उसका ज़िक्र कीजिए। तब खत पढ़नेवाले को ऐसा नहीं लगेगा कि आप किसी बिज़नेस के इरादे से लिख रहे हैं।
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वर्तनी, व्याकरण और विराम-चिन्हों पर ध्यान दीजिए। खत साफ-सुथरा होना चाहिए, न कि भद्दा। अगर आप हाथ से लिख रहे हैं, तो ध्यान दें कि वह आसानी से पढ़ा जाए। आपकी भाषा न तो बहुत ज़्यादा औपचारिक होनी चाहिए, न ही आपको लापरवाही बरतनी चाहिए।
यहाँ नमूने के तौर पर दिए खत में ऊपर बतायी बातों का ध्यान रखा गया है। आप जब भी गवाही देने के लिए कोई खत लिखते हैं, तो आपको शब्द-ब-शब्द इसी खत के जैसा नहीं लिखना चाहिए। आप अपने यहाँ के हालात और दस्तूरों का ध्यान रख सकते हैं और आप जिस मकसद से लिख रहे हैं, उसके हिसाब से फेरबदल कर सकते हैं।