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पाएँ बाइबल का खज़ाना | रोमियों 12–14

मसीही प्यार का क्या मतलब है?

मसीही प्यार का क्या मतलब है?

12:10, 17-21

अगर कोई हमारे साथ बुरा व्यवहार करे, तो हमें बदले में उसका बुरा नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं मसीही होने के नाते हमारा फर्ज़ बनता है कि हम उसके साथ कृपा से पेश आएँ। हमें यह सलाह दी गयी है, “अगर तेरा दुश्‍मन भूखा हो तो उसे खाना खिला। अगर वह प्यासा हो तो उसे पानी पिला, क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर अंगारों का ढेर लगाएगा।” (रोम 12:20) हमारे साथ बुरा सलूक करनेवालों के साथ भी अगर हम कृपा से पेश आएँगे, तो उन्हें अपने किए पर अफसोस हो सकता है।

जब किसी ऐसे व्यक्‍ति ने आपके साथ अच्छा व्यवहार किया जिसे आपने अनजाने में ठेस पहुँचायी थी, तो आपको कैसा लगा?