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जीएँ मसीहियों की तरह

सोचने-समझने की शक्‍ति को प्रशिक्षित करते रहिए

सोचने-समझने की शक्‍ति को प्रशिक्षित करते रहिए

एक खिलाड़ी को लगातार कसरत करनी होती है ताकि वह हमेशा अच्छे से खेल पाए। उसी तरह हमें भी अपनी सोचने-समझने की शक्‍ति को प्रशिक्षित करते रहना चाहिए। तभी हम इस शक्‍ति का सही इस्तेमाल कर पाएँगे। (इब्र 5:14) दूसरों ने जो फैसला किया, वही फैसला करना हमें आसान लग सकता है। लेकिन ऐसा करने के बजाय हमें खुद सोचकर सही फैसला करना चाहिए। यह क्यों ज़रूरी है? क्योंकि हममें से हर एक को अपने फैसलों के लिए परमेश्‍वर को हिसाब देना होगा।—रोम 14:12.

हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम बहुत साल से सच्चाई में हैं, इसलिए हमारे सभी फैसले सही होंगे। सही फैसले करने के लिए हमें यहोवा और उसके वचन और संगठन की सलाह माननी चाहिए।—यह 1:7, 8; नीत 3:5, 6; मत 24:45.

“अपना ज़मीर साफ बनाए रखो”  वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए।

  • एमा को क्या फैसला करना था?

  • जब एक व्यक्‍ति को अपने ज़मीर के हिसाब से फैसला करना होता है, तो हमें उसे अपनी राय क्यों नहीं बतानी चाहिए?

  • एक भाई और उसकी पत्नी ने एमा को क्या सलाह दी?

  • एमा को सही फैसला करने के लिए अच्छी जानकारी कहाँ से मिली?