जीएँ मसीहियों की तरह
खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! से सिखाइए
बाइबल अध्ययन चलाने के लिए एक नया ब्रोशर और एक नयी किताब पाकर हम बहुत खुश हैं। इनका नाम है, खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! इन प्रकाशनों की मदद से हम और भी ज़्यादा लोगों को चेले बनाना चाहते हैं और यहोवा से आशीष के लिए प्रार्थना करते हैं। (मत 28:18-20; 1कुर 3:6-9) हम इन प्रकाशनों से बाइबल अध्ययन कैसे चला सकते हैं?
हमारी नयी किताब और ब्रोशर में सिखाने का नया तरीका बताया गया है जिससे विद्यार्थी को चर्चा में शामिल किया जा सकता है। अध्ययन की तैयारी करते समय और विद्यार्थी को सिखाते समय आगे बतायी बातों का ध्यान रखिए। *
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जानकारी पढ़िए, फिर सवालों पर चर्चा कीजिए
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जिन आयतों के आगे “पढ़िए” लिखा है, उन्हें पढ़िए। यह समझने में विद्यार्थी की मदद कीजिए कि उन आयतों का मतलब क्या है और उसे क्या कदम उठाना है
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वीडियो दिखाइए और दिए गए सवाल पूछकर उन पर चर्चा कीजिए
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एक बार में पूरे पाठ पर चर्चा करने की कोशिश कीजिए
जब आप किसी को गवाही देते हैं, तो पहले उसे ब्रोशर दीजिए और देखिए कि क्या उसे दिलचस्पी है। (पेज 16 पर “ पहली मुलाकात में खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! ब्रोशर कैसे दें?” नाम का बक्स देखें।) अगर ब्रोशर से अध्ययन खत्म हो जाए और विद्यार्थी और सीखना चाहे, तो उसे किताब दीजिए और चौथे पाठ से अध्ययन शुरू कीजिए। अगर आप पहले से किसी को सिखाती है या प्यार के लायक किताब से अध्ययन करा रहे हैं, तो उस किताब से अध्ययन बंद कीजिए और नयी किताब से शुरू कीजिए। आप तय कर सकते हैं कि किस पाठ से शुरू करना सही रहेगा।
आइए बाइबल से सीखें वीडियो देखिए। फिर सवालों के जवाब दीजिए।
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विद्यार्थी इस नयी किताब से क्या सीखेंगे?
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आपको यह वीडियो नए विद्यार्थियों को क्यों दिखाना चाहिए?
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आपको विद्यार्थी को एक-एक करके कौन-से लक्ष्य पाने का बढ़ावा देना चाहिए?—पेज 16 पर “ हर भाग किस बारे में है और लक्ष्य” नाम का चार्ट देखें।
^ पैरा. 4 ध्यान दें: आप चाहें तो “ये भी देखें” भाग पर विद्यार्थी के साथ चर्चा कर सकते हैं या फिर छोड़ सकते हैं। लेकिन अध्ययन की तैयारी करते समय आप इस भाग में दिए लेख ज़रूर पढ़िए और हर वीडियो देखिए। तब आप समझ पाएँगे कि कौन-सी बात विद्यार्थी के दिल को छू जाएगी और किस बात से उसे फायदा होगा। फोन या टैबलेट में वीडियो और लेख के लिंक दिए गए हैं।
हर भाग किस बारे में है और लक्ष्य |
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पाठ |
किस बारे में है? |
विद्यार्थी के लिए लक्ष्य |
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01-12 |
बाइबल से आप क्या जान सकते हैं? आप परमेश्वर के करीब कैसे आ सकते हैं जिसने बाइबल लिखवायी है? |
विद्यार्थी को बाइबल पढ़ने, अध्ययन की तैयारी करने और सभाओं में आने का बढ़ावा दीजिए |
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13-33 |
परमेश्वर ने हमारे लिए क्या-क्या किया है? हमें उसकी उपासना कैसे करनी चाहिए? |
सीखी बातें दूसरों को बताने और प्रचारक बनने के लिए उभारिए |
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34-47 |
परमेश्वर अपने लोगों से क्या चाहता है? |
समर्पण करने और बपतिस्मा लेने के लिए उभारिए |
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48-60 |
हमें क्या करना चाहिए ताकि परमेश्वर हमसे प्यार करता रहे? |
विद्यार्थी को सिखाइए कि वह सही-गलत में फर्क कैसे कर सकता है और कैसे यहोवा के करीब आ सकता है |