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जीएँ मसीहियों की तरह

यहोवा उन्हें बचाता है जिनका मन कुचला हुआ है

यहोवा उन्हें बचाता है जिनका मन कुचला हुआ है

हर कोई कभी-न-कभी दुखी महसूस करता है। पर इसका यह मतलब नहीं कि हममें विश्‍वास की कमी है। कुछ मौकों पर खुद यहोवा भी दुखी हुआ था। (उत 6:5, 6) पर तब क्या अगर हम अकसर या हमेशा निराशा में डूबे रहें?

यहोवा से मदद माँगिए। यहोवा को इस बात से फर्क पड़ता है कि हम कैसा महसूस कर रहे हैं। वह जानता है कि हम कब खुश हैं और कब दुखी। वह अच्छी तरह समझता है कि हम जो सोच रहे हैं, क्यों सोच रहे हैं और जो महसूस कर रहे हैं, क्यों महसूस कर रहे हैं। (भज 7:9ख) और सबसे बढ़कर, यहोवा को हमारी परवाह है। वह ऐसे वक्‍त में भी हमारी मदद कर सकता है, जब हम उदास रहते हैं या डिप्रेशन से जूझ रहते होते हैं।—भज 34:18.

अपना मन स्वस्थ रखिए। डर, निराशा और चिंताएँ जैसी बुरी भावनाओं की वजह से हमारी खुशी छिन सकती है। यहीं नहीं, यहोवा के साथ हमारी दोस्ती भी टूट सकती है। इसलिए हमें अपने “दिल” की हिफाज़त करनी चाहिए, यानी अपने अंदर के इंसान की, जिसमें हमारी सोच और भावनाएँ भी शामिल हैं।—नीत 4:23.

डिप्रेशन के बावजूद हमारे भाई-बहन किस तरह सच्ची शांति पा रहे हैं?  वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों के जवाब दीजिए:

  • डिप्रेशन से लड़ने के लिए निक्की ने क्या-क्या कदम उठाए?

  • निक्की को ऐसा क्यों लगा कि उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए?—मत 9:12

  • निक्की ने किन तरीकों से दिखाया कि उसे भरोसा था कि यहोवा उसकी मदद करेगा?