28 अक्टूबर–3 नवंबर
भजन 103-104
गीत 30 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. “वह याद रखता है कि हम मिट्टी ही हैं”
(10 मि.)
करुणा की वजह से यहोवा हमारा लिहाज़ करता है (भज 103:8; प्र23.07 पेज 21 पै 5)
जब हमसे गलतियाँ हो जाती हैं, तो यहोवा हमें ठुकरा नहीं देता (भज 103:9, 10; प्र23.09 पेज 6-7 पै 16-18)
यहोवा कभी हमसे कुछ ऐसा करने की उम्मीद नहीं करता, जो हम नहीं कर सकते (भज 103:14; प्र23.05 पेज 26 पै 2)
खुद से पूछिए: ‘क्या मैं यहोवा की तरह अपने जीवन-साथी का लिहाज़ करता हूँ?’
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 104:24—इस आयत से हम यहोवा की नयी-नयी और अलग-अलग चीज़ें बनाने की शक्ति के बारे में क्या सीखते हैं? (यहोवा के करीब पेज 55 पै 18)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 104:1-24 (जी-जान गुण 11)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) सरेआम गवाही देना। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 4)
5. वापसी भेंट करना
(4 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक ने कहा था कि वह बाइबल अध्ययन करने को तैयार है। उससे आइए बाइबल से सीखें वीडियो पर चर्चा कीजिए। (जी-जान गुण 9)
6. भाषण
(5 मि.) प्यार कुछ और सुझाव—क मुद्दा 6—पति को अपनी पत्नी से ‘वैसे ही प्यार करना चाहिए जैसे वह अपने आप से करता है।’ (जी-जान गुण 1)
गीत 44
7. क्या आप अपनी हदें जानते हैं?
(15 मि.) चर्चा।
जब हम दिलो-जान से यहोवा की सेवा करते हैं, तो इससे यहोवा को खुशी मिलती है और हमें भी। (भज 73:28) लेकिन ऐसा करते वक्त हमें अपनी हदें जानने की ज़रूरत है, वरना हम बेकार में चिंता करने लग सकते हैं और निराश हो सकते हैं।
खुद से बहुत ज़्यादा उम्मीद मत कीजिए वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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यहोवा हमसे क्या उम्मीद करता है? (मीक 6:8)
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जवान बहन ने क्या किया ताकि अपना लक्ष्य हासिल करने के बारे में वह ज़्यादा चिंता ना करे?
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 17 पै 8-12, पेज 137 पर बक्स